26/11: इंसाफ सिर्फ 50 फीसदी, पाकिस्तान ने नहीं की कार्रवाई
२६ नवम्बर २०२०समंदर के रास्ते पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने करीब 60 घंटे तक मुंबई में अंधाधुंध फायरिंग की और सैकड़ों इंसानों को मौत के घाट उतार डाला. विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम कहते हैं, "जहां तक हमलावरों की बात है, भारत ने मामले में पूरा न्याय किया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. हम उन मुख्य अपराधियों की गिरफ्तारी और सजा दे कर पूरा न्याय चाहते हैं जो वर्तमान में पाकिस्तान में छिपे हुए हैं."
निकम ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी जैसे मुख्य साजिशकर्ता और योजनाकार भारत में आरोपी होने के बावजूद अभी भी आराम से हैं. गौरतलब है कि भारत ने बीते पखवाड़े में औपचारिक रूप से मांग की थी कि पाकिस्तान 26/11 हमलों के मुकदमे में अपने "अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन करने में अपने आपत्तिजनक और कमजोर रणनीति" का त्याग करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यहां तक कि अन्य देशों ने भी पाकिस्तान से हमलों के अपराधियों को जल्द सजा देने की मांग की है.
श्रीवास्तव ने कहा, "यह गंभीर चिंता का विषय है कि भारत द्वारा साझा किए गए अपने स्वयं के सार्वजनिक स्वीकृति के साथ-साथ सभी जरूरी सबूतों को उपलब्ध कराने के बावजूद पाकिस्तान 15 देशों के 166 पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने में ईमानदारी नहीं दिखा रहा है, जबकि दुनिया 26/11 हमले की 12वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच गई है."
इंसाफ का इंतजार
निकम ने कहा कि "भारतीय पक्ष की ओर से मामले में" 50 प्रतिशत न्याय किया गया है, लेकिन 166 पीड़ितों को पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान द्वारा अभी भी कार्रवाई किया जाना बाकी है और कई विदेशी नागरिकों समेत घायलों के साथ न्याय किया जाना बाकी है.
उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ कसाब के बारे में ही नहीं, बल्कि डेविड कोलमैन हेडली के बारे में भी भरपूर सबूत दिए थे, जिसमें उसके लश्कर और पाकिस्तान के आईएसआई के बीच करीबी संबंध का खुलासा किया गया था, इसके अलावा उनके (लश्कर-आईएसआई) के बीच ईमेल के दस्तावेजी साक्ष्य भी उपलब्ध कराए गए हैं.
निकम ने कहा, "हेडली ने शिकागो कोर्ट में साक्ष्य उपलब्ध कराए थे, जिसे बाद में अमेरिकी प्रशासन द्वारा भी स्वीकार कर लिया गया और उसके बाद उसे दोषी ठहराया गया और 35 साल जेल की सजा मिली. वह मौजूदा समय में अमेरिकी जेल में सजा काट रहा है."
निकम का कहना है कि भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह अपने देश में छिपे 26/11 के आरोपियों पर मुकदमे में तेजी लाए, वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय गवाहों की जांच करें, या उनके बयान दर्ज करने के लिए भारत में एक न्यायिक आयोग भेजे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
पाकिस्तान में आरोपी आराम से हैं!
भारत ने एक कदम आगे बढ़ते हुए खूंखार आतंकवादी सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदल को गिरफ्तार कर लिया, जिसने कराची से लश्कर के आतंकवादियों को नियंत्रित किया और 26 नवंबर 2008 को मुंबई में तबाही मचाने के दौरान 10 आतंकवादियों का हमले के अंत तक मार्गदर्शन किया. निकम कहते हैं, "अबू जिंदल ने आतंकवादी हमले के दौरान अपनी भूमिका कबूल की है, दुर्भाग्य से वह लखवी और अन्य एजेंसियों जैसे लश्कर के मास्टरमाइंड के साथ जुड़ा हुआ था, इन सब के बावजूद पाकिस्तान ने पूरी तरह से न्याय दिलाने के लिए चीजों को आगे नहीं बढ़ाया है."
फिलहाल अबू जिंदल का मुंबई की विशेष अदालत में ट्रायल चल रहा है. यह ट्रायल एकमात्र ऐसा मामला है, जो 26/11 की घटना से जुड़ा हुआ है, जिसपर फैसला आना बाकी है. अबू जिंदल को दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 2012 में गिरफ्तार किया गया था.
मुंबई हमले के बाद केंद्र और महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई की सुरक्षा बढ़ाई है. सुरक्षा एजेंसियों ने भविष्य में इस तरह की किसी भी घटना से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है.
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