10 साल की रेप पीड़ित ने दिया बच्चे को जन्म
१७ अगस्त २०१७कुछ हफ्ते पहले ही भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल की बलात्कार पीड़ित लड़की के गर्भपात पर अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट से अनुमति ना मिलने के कारण लड़की को गर्भावस्था पूरी कर बच्चे को जन्म देना पड़ा. गुरुवार को चंडीगढ़ के एक सरकारी अस्पताल में लड़की ने एक बच्ची को जन्म दिया. डॉक्टरों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने लिखा है कि दोनों बच्चियों की हालत फिलहाल स्थिर है.
इस लड़की के मामा पर उसके साथ कई बार बलात्कार करने का आरोप लगा है. शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. लड़की के साथ हुई घटना के बारे में माता पिता को तब पता चला जब पेट दर्द की शिकायत पर उसकी मां 15 जुलाई को उसे डॉक्टर को दिखाने ले गयीं.
परिवार की ओर से नाबालिग लड़की का गर्भपात कराने की कानूनी याचिका को 18 जुलाई को चंडीगढ़ की एक स्थानीय अदालत ने रद्द कर दिया. तब लड़की 28 हफ्ते की गर्भवती थी. बाद में इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर भी देश की सर्वोच्च अदालत ने यही फैसला दिया. गर्भपात को लड़की के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह बताया गया.
लड़की की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ले जाने वाली एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने अदालत से भारत के हर जिले में ऐसे स्थायी मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की थी, जो बच्चों के साथ होने वाले बलात्कार के कारण गर्भपात की याचिका वाले विशेष मामलों में त्वरित गति से काम करे और ऐसे बच्चों को मेडिकल सुविधाएं दे.
भारत में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट, 1971 के अंतर्गत किसी महिला को गर्भ के 20 हफ्ते तक गर्भपात करवाने की अनुमति मिल सकती है. वो भी तब अगर बच्चे में ऐसे आनुवंशिक दोष हों जिनके कारण पैदा होने पर उसका जीवन खतरे में होगा. हाल के सालों में भारतीय अदालतों के सामने ऐसे कई बलात्कार पीड़ितों के मामले पहुंचे हैं, जो अपने साथ हुए अपराध के कारण ठहरे गर्भ को खत्म करना चाहती हैं. इसी साल मई में हरियाणा की एक 10 साल की लड़की को सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति दे दी थी. लड़की गर्भ के 21 वें हफ्ते में थी.
यौन अपराधों को लेकर भारत में हालात बहुत खराब हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 में नाबालिगों के साथ बलात्कार या अन्य यौन दुर्व्यवहारों के करीब 20,000 मामले दर्ज हुए. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान बताता है कि बलात्कार की हर तीन में से एक पीड़ित नाबालिग है.
आरपी/एमजे (एएफपी)