हुर्रियत नेता पर क़ातिलाना हमला
४ दिसम्बर २००९हमलावरों ने जब फ़ज़ल हक़ क़ुरैशी पर गोलियां चलाईं तो वे अपने घर से कुछ ही दूरी पर थे. अब तक किसी भी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
क़ुरैशी का इलाज कर रहे डॉक्टर अनिल धर ने कहा कि क़ुरैशी के सर में बहुत चोटें आईं हैं और उनकी हालत बहुत गंभीर है. फ़ज़ल हक़ क़ुरैशी हुर्रियत कॉंफ़्रेंस के अहम सदस्य हैं. कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह का मानना है कि क़ुरैशी पर हमला कश्मीर शांति प्रक्रिया को रोकने की कोशिश है. क़ुरैशी पीपुल्स पोलिटिकल फ़्रंट के प्रमुख हैं, जो हुर्रियत का हिस्सा माना जाता है. 2000 में उन्होंने भारत सरकार और कश्मीर के सबसे बड़े विरोधी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन के बीच एक अस्थाई युद्धविराम स्थापित करने में मदद की थी.
पुलिस का कहना है कि कई अलगाववादी हुर्रियत और भारत सरकार के बीच बातचीत का विरोध कर रहे हैं और हमले के पीछे इन लोगों का हाथ हो सकता है. पिछले महीने हुर्रियत कॉंफ़्रेंस के प्रमुख मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाक़ात की थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एम गोपालकृष्णन
संपादन- उज्ज्वल भट्टाचार्य