हाथियों की आबादी पर अंकुश
१८ अगस्त २०१२इसके लिए वैक्सीन बनाई जा चुकी है और उसका परीक्षण भी किया जा रहा है. इस अभियान का मकसद दूसरे जानवरों और जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह पहली बार हो रहा है जब किसी देश में हाथियों के लिए जनसंख्या नियंत्रण के कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं. अफ्रीका के ही दूसरे देशों में शिकार की वजह से हाथियों की जनसंख्या में गिरावट आई है जबकि दक्षिण अफ्रीका इसका अपवाद है. ये इकलौता ऐसा देश है जहां हाथियों की जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ी है.
दक्षिण अफ्रीका में पहले तो क्वाजुलू नटाल प्रांत में हाथियों के संरक्षण की वजह से तेजी से बढ़ोतरी हुई. इस राज्य में पिछले एक दशक से हाथियों की संख्या नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. इजेमवेलो केजेडएन वाइल्डलाइफ से जुड़ी कैथरीन हानेकोम कहती हैं, "हाथियों की संख्या कम करने से हमें जैव विविधता बढ़ाने में मदद मिलेगी. वो भी हाथियों को मारे बिना."
पिछले एक सदी में दक्षिण अफ्रीका में हाथियों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है. 1910 के आसपास यहां महज 100 ही हाथी थे लेकिन अब इनकी संख्या 20 हजार पहुंच चुकी है. पड़ोसी देश बोत्स्वाना में डेढ़ लाख से ज्यादा हाथी हैं. यहां हाथियों की आबादी करीब करीब इंसानों की आबादी के बराबर है. हाथियों की भूख शांत करने में यहां के जंगल का बड़ा हिस्सा खत्म हो चुका है. यहां हर 14 आदमी पर 1 हाथी है.
वयस्क हाथी एक दिन में 100 से 300 किलो तक चारा खाता है. दक्षिण अफ्रीका में हाथियों को एक निश्चित दायरे में बांधकर रखा जाता है. अगर हाथियों की संख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ गई तो खाने की दिक्कत पैदा हो जाएगी. पारिस्थितिकी विज्ञानी ऑडरे डेल्सनिक केटल्स कहते हैं, "हमने इसकी आशंका ही खत्म कर दी है, हाथियों की जनसंख्या रोकने के लिए वैक्सीन को भाले की सहायता से उनके शरीर में पहुंचाया जाता है. करीब 14 छोटे अभयारण्यों में इसका प्रयोग किया गया है. ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनका हाथियों की सेहत पर कोई उल्टा असर भी नहीं होता."
वीडी/एनआर (रॉयटर्स)