स्लोवेनिया में बांधों का विरोध
११ फ़रवरी २०१६कायाक के अलावा और भी कई साहसिक खेलों के शौकीन, जीवविज्ञानी और पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी रोक रोजमैन इन दिनों अपने साथियों के साथ सावा नदी की लहरों में डूबती—उठती पहाड़ियों की जंगली ढलानों में कायाक नौकायन के अपने सबसे पसंदीदा काम में मशगूल हैं. वे कहते हैं, ''कायाक में बड़ा मज़ा आता है. और जब ये ढलानें और तीखी होती हैं तो आप उनकी ओर ज्यादा ध्यान देते हैं.'' लेकिन रोजमैन एक जीवविज्ञानी भी हैं वे अपनी नाव को तीखी ढलान वाली नदी में धकेलने से पहले कहते हैं, ''मैं चिडियों और मछलियों के लिए लगातार इधर उधर देखता रहता हूं. इसकी वजह से कई बार चट्टानों से टकरा जाता हूं.''
पांच बांधों में से एक मोक्राइस बांध
क्रोएशिया के साथ लगी स्लोवेनिया की सीमा के करीब मोक्राइस में सावा नदी की जलधारा रोमांच के हिसाब से और जगहों की तुलना में काफी शांत हैं. और यहीं बिजली बनाने के लिए बांध बनाए जाने की योजना है. सावा नदी में बनाए जा रहे 5 बांधों की सीरिज में ये अंतिम बांध है. ये पांचों बांध मिलकर स्लोवेनिया की कुल बिजली का 5 प्रतिशत उत्पादित करेंगे.
मोक्राइस से ऊपर ब्रेजिस में एक दूसरे बांध का निर्माण लगभग पूरा होने को है. रोजमैन और दूसरे पर्यावरणवादी इन बांधों का निर्माण रोके जाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये बांध मछलियों की प्रजातियों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. इन बांधों के बारे में बताया जा रहा है कि ये न केवल बिजली पैदा करेंगे बल्कि इससे बाढ़ की रोकथाम में भी मदद मिलेगी.
स्लोवेनियन नेटिव फिश सोसाइटी की अध्यक्ष एंड्रेजा स्लेमेरसेक कहती हैं, ''लोग सबसे ज्यादा चिंतित भूजल और भोजन सुरक्षा को लेकर हैं.'' वे बताती हैं कि नए बिजली घर बना रही कंपनियां लोगों को ये राजी कराने के लिए भी पैसा खर्च कर रही हैं कि बांध बाढ़ को रोकने में मददगार होंगे. वे बांध को नदियों के लिए 'तबाही' की योजना बताती हैं.
स्वच्छ ऊर्जा बनाम जीव संरक्षण
नदियों में पल रहे जीवों के संरक्षण के लिए अभियान चलाने वाले गैर सरकारी संगठन रिवरवॉच के संस्थापक उलरिष आइषेलमन पहले से ही लुप्तप्राय हो रही प्रजातियों पर बांध परियोजनाओं से पड़ने वाले असर से चिंतित हैं. आइषेलमन कहते हैं, ''मछलियों को ठंडा पानी चाहिए, तेज बहाव चाहिए और उनके लिए पत्थरों का आवास चाहिए.'' वे कहते हैं कि ये बांध ''मछली की एक लुप्तप्राय प्रजाति 'डेन्यूब रोच' के अंडे देने वाली एक महत्वपूर्ण जगह को तबाह कर देंगे.''
आइषेलमन बांध बनाने वाली कंपनियों के इस तर्क से बिल्कुल सहमत नहीं हैं कि बांध लुप्तप्राय मछलियों के अंडे देने की जगहों की सुरक्षा करेंगे. वे कहते हैं अगर बांध बनेगा तो मछलियां ''चली जाएंगी,'' क्योंकि बांध बना रही कंपनी की ओर से प्रस्तावित उपाय मछलियों के प्राकृतिक माहौल का विकल्प नहीं हो सकते.
जलविद्युत ऊर्जा का पक्ष
ऑस्ट्रिया में पनबिजली परियोजनाओं के पक्ष में माहौल बना रहे 'ऑस्ट्रियाई लघु जलविद्युत संघ' के महासचिव इर्विन मायर ने डॉयचे वेले से कहा कि वॉटर फ्रेमवर्क डायरेक्टिव जैसे जैसे यूरोपीय या राष्ट्रीय कानून बनेगा, नए बांध बनाना आसान हो जाएगा. इस किस्म के नियामक तंत्र में जलधाराओं की 'बढ़िया' हालत बनाए रखने और नदी के मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र को बरकरार रखना सुनिश्चित किया गया है. मायर कहते हैं कि मछलियों के प्रवास का मसला वाकई जटिल है, ''अगर आप किसी तरह इन मछलियों के बांध के आर पार जा सकने की व्यवस्था कर सकें तो अक्षय ऊर्जा के इस स्रोत का इस्तेमाल करना चाहिए.''
बांध बना रही कंपनी एचईएसएस की ओर से प्रकाशित किए गए मोक्राइस बांध की योजना में इस तरह के मछलियों के आरपार जा सकने की व्यवस्था को शामिल किया गया है. मायर इस तरह के बांधों का इसलिए भी समर्थन करते हैं क्योंकि इससे उत्पादित ऊर्जा ''विकेंद्रीकृत होती है. ये परमाणु ऊर्जा नहीं होती और साथ ही कार्बन—फ्री भी होती है.'' वे कहते हैं कि पर्यावरण सम्मत विद्युत उत्पादन तंत्र विकसित करने के लिए हो रहे बदलावों की दिशा में ये बांध बेहद महत्वपूर्ण हैं.
पर्यटन पर प्रभाव
इस बांध का विरोध कर रहे लोग इसके संभावित नकारात्मक आर्थिक प्रभावों की भी बात कर रहे हैं. स्लोवेनिया की सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद का 13 प्रतिशत हिस्सा पर्यटन से आता है. पर्यटन देश का सबसे अहम उद्योग है. लेकिन एचईएसएस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगर मोक्राइस बांध बनता है तो ये स्लोवेनिया की सालाना विद्युत आवश्यकता का केवल 1 प्रतिशत से भी कम उत्पादन कर सकेगा.
जीवविज्ञानी रोजमैन का कहना है कि बांध के बनने से देश को कुछ पाने के बजाय खोना ज्यादा होगा. वे हवाला देते हैं कि इस छोटे से पहाड़ी देश में जंगली नदियां और मछलियों की जैवविविधता दुनियाभर से बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. रोजमैन कहते हैं, ''सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये सभी लोग स्लोवानिया क्यों आते हैं. और इस बात का जवाब ये है कि हमारे पास ये खूबसूरत नदियां हैं और इन नदियों को रोकने वाले कोई बांध नहीं हैं.''