सेहत पर स्मार्ट कॉन्टेक्ट लेंस की नजर
२० जुलाई २०१४स्मार्ट कॉन्टेक्ट लेंस बनाने के लिए दिग्गज दवा कंपनी नोवार्टिस ने गूगल के साथ समझौता किया है. दोनों कंपनियां आंख की देखभाल और डायबिटीज के मरीजों की मदद करने वाला स्मार्ट कॉन्टेक्ट लेंस तैयार करेंगी. नोवार्टिस के मुताबिक उसकी आई केयर शाखा एल्कॉन स्मार्ट लेंस बनाने के लिए गूगल को लाइसेंस देगी. लेंस में अति सूक्ष्म माइक्रोचिप होंगी. असल में यह लेंस में एक बहुत ही छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगा होगा.
डायबिटीज के शिकार लोगों की आंसुओं की जांच कर शुगर लेवल का बड़ी आसानी से पता चल जाता है. आंखों में गीलापन बनाए रखने वाले इस तरल में अगर ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हुई तो समझिए कि शुगर का स्तर बढ़ रहा है. स्मार्ट कॉन्टेक्ट लेंस ग्लूकोज इस मात्रा को आंख की पुतली में ही माप देगा और बता देगा कि शुगर लेवल कितना है. ऐसा हुआ तो शुगर टेस्ट के लिए खून की बूंद निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नोवार्टिस के अलावा कुछ और कंपनियां भी पसीने के जरिए शुगर लेवल पकड़ने की चिप पर काम कर रही हैं.
नोवार्टिस के सीईओ योसेफ यिमेनेज के मुताबिक, "इस अहम कदम के साथ हम बीमारियों के इलाज के पारंपरिक तरीके के पार चल जाएंगे, इसकी शुरुआत आंख से हो रही है."
कंपनी का दावा है कि जिन लोगों की पास की नजर कमजोर है, यह लेंस उनके लिए भी खासा मददगार साबित होगा. स्मार्ट लेंस, पढ़ाई लिखाई या सुई में धागा डालने जैसे नजदीकी काम के दौरान खुद ही ऑटो फोकस हो जाएगा. इससे प्रेसबायोपिया के मरीजों को बहुत मदद मिलेगी. प्रेसबायोपिया बीमारी में इंसान की आंख किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाती.
ओएसजे/आईबी (एपी)