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अपराध

सेक्स तस्करी को रोकने की तैयारी में मुम्बई के होटल

३ अगस्त २०१७

भारत में मुम्बई और अन्य शहरों के होटलों के स्टाफ को ट्रेन किया जाएगा कि सेक्स के लिए की जा रही तस्करी को को कैसे पहचाना जाए.

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Symbolbild Menschenhandel in der EU
तस्वीर: picture alliance/empics/D. Lipinski

सेक्स तस्करी को रोकने के लिए मुम्बई में एक समूह एक मोबाइल ऐप रेस्क्यू मी बना रहा हैं. इस ऐप की मदद से अगर होटल कर्मचारी को कोई संदिग्ध गतिविधि देखने को मिलेगी तो वे सीधे स्थानीय पुलिस को सूचित कर पाएंगे. महाराष्ट्र के इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र समूह के अध्यक्ष सानी अवसरमेल कहते हैं कि होटल मानव तस्करी का अड्डा बनते जा रहे हैं. हमारे पास देश भर के होटलों में काम करने वाले पेशेवर लोग हैं और हम इस अभियान के लिेए प्रतिबद्ध हैं.

इस पहल का नेतृत्व इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी का पूर्व छात्र समूह कर रहा है और महाराष्ट्र सरकार इनकी मदद कर रही है.

महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई मानव तस्करी का एक बड़ा अड्डा है जहां दूसरे राज्यों से लड़कियों को नौकरी का लालच में बुलाकर या तो उनकी सेक्स के लिए तस्करी कर दी जाती है या उन्हें घरेलू नौकरों के रूप में बेच दिया जाता है.

प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के साथ मुम्बई के पुराने रेड लाइट इलाके अब गुम होते जा रहे हैं और अब तस्करी गुमनाम तरीकों से प्राइवेट होटलों, लॉज और बस्तियों में की जा रही है, जिससे पुलिस के लिए इनकी निगरानी करना और मुश्किल होता जा रहा है.

अवसरमेल कहते हैं कि होटलों को ऐसी 50 चेतावनियों के बारे में बताया जाएगा जिनके बारे में वे खासतौर ध्यान रखेंगे.

इनमें कई चीजें शामिल हैं जैसे कमरे में लगातार कई दिन तक "डू नॉट डिस्टर्ब" का साइनबोर्ड टंगा रहना या बहुत जल्दी जल्दी कमरे की चादरें और बिस्तर बदलवाने के लिए कहना. ऐसे कमरों की मांग होना जहां से कार पार्किंग दिखती हो. तस्करी के मामलों में अक्सर ऐसे कमरों की तलाश होती है, जहां से ग्राहकों को देखा जा सके और इशारे किए जा सकें.

अवसरमेल कहते हैं कि अक्सर होटल स्टाफ का ध्यान लड़कियों के अजीब बर्ताव पर जाता है. जैसे उनका एकदम चुपचाप रहना, होटल में चेक इन करने के लिए साथ आए व्यक्ति पर निर्भर रहना, जवाब देने या पहचान पत्र दिखाने के लिए भी साथ आए व्यक्ति को कहना. पर ज्यादातर मामलों में होटल स्टाफ इन बातों को या तो नजरअंदाज कर देते हैं या उन्हें मालूम ही नहीं होता है कि क्या करना चाहिए.

दि रेस्क्यू मी ऐप कुछ महीनों में लॉन्च कर दिया जाएगा. इसमें मैसेज करने का एक फीचर होगा जहां होटल में काम करने वाले लोग रूम नंबर समेत कुछ ब्यौरे भेज कर पुलिस को मैसेज कर पाएंगे.

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार हर साल 150 अरब डॉलर का मानव तस्करी औसतन पूरी दुनिया का सबसे बड़ा फलता फूलता अपराध का बाजार है. आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 21 लाख लोग मानव तस्करी के शिकार हैं जिन्हें या तो बेचा गया है या जबरन गुलाम बना दिया गया है.

पिछले साल हिल्टन और शिव होटल्स समेत कई बड़े होटल इस मुद्दे पर आगे आए और उन्होंने अपने होटलों में मानव तस्करी की पड़ताल और होटल में काम करने वाले लोगों को ट्रेनिंग देना शुरू किया. इस साल के शुरुआत में मेक्सिको शहर के होटलों ने भी अपने यहां काम करने वाले लोगों को प्रशिक्षित करना शुरू किया है.

महाराष्ट्र राज्य महिला कमीशन की प्रेसिडेंट विजया राहतकर ने कहा कि इस पहल का राज्य के बाहर भी असर पड़ेगा क्योंकि पूर्व छात्रों का यह समूह देश भर के कई छोटे बड़े होटलों से जुड़ा हुआ है. यह समूह प्रशिक्षण मॉड्यूल भी बना रहा है जिसे तस्करी को रोकने की कोशिश के लिए देश भर में इस्तेमाल किया जा सकता है.

एसएस/ओएसजे (रॉयटर्स)