सीरिया में चार दिन की शांति
२६ अक्टूबर २०१२सीरिया में मानवाधिकारों के लिए बनाई गई ऑब्जर्वेटरी ने जानकारी दी है कि रात भर पूरे सीरिया में बमबारी होती रही. दमिश्क, अलेप्पो सहित लेबनान की सीमा वाले शहरों में भी.
हज पूरा होने के बाद ईद अल अदहा का समय शुरू होते ही हिंसा की खबरें थम गई.
सीरिया के सरकारी टीवी ने राष्ट्रपति बशर अल असद को दमिश्क में सुबह की नमाज में शामिल होते दिखाया. इस दौरान वह मुस्कुराते और शांत दिखाई दे रहे थे.
सरकारी सेना और फ्री सीरियन आर्मी (एफएसए) ने गुरुवार को कहा था कि वो यूएन अरब लीग के शांति दूत लखदर ब्राहिमी की अस्थाई संघर्ष विराम की अपील को मानेंगे. लेकिन दोनों ने ही कहा है कि किसी भी तरह की आक्रामकता का जवाब देने का अधिकार दोनों रखते हैं.
अगर संघर्ष विराम चार दिन टिक जाता है तो विद्रोह शुरू होने के बाद पहली बार ऐसा होगा कि चार दिन कोई हिंसा नहीं होगी. अलेप्पो में लोगों को आशंका है कि शांति रहेगी. बमों से जर्जर हो चुके घरों में जाते सालाहेदीन के निवासी अबू अली से जब पूछा कि क्या यह शांति बनी रहेगी. तो उन्होंने कहा,"वह धोखेबाज है. कोई उस पर विश्वास नहीं करता. वह आपसे वादा तो करेगा लेकिन करेगा अपनी मर्जी की."
टूटे घर से उन्होंने बच्चों के ठंड के जैकेट लिए.
चेतावनी वाला विराम
संयुक्त राष्ट्र की उम्मीद है कि संघर्ष विराम के वादे का ध्यान रखा जाएगा. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा, हमारी उम्मीद और इच्छा है कि वह संघर्ष विराम की सिर्फ बात न करें बल्कि इस पर अमल भी करें.
सीरिया की सेना ने शुक्रवार से संघर्ष विराम का वादा करते हुए चेतावनी दी कि अगर "हथियारबद्ध आतंकी गुट" हमला करेंगे या तैनात होंगे या हमलावर देश में इधर उधर जाएंगे तो वह इस पर कार्रवाई करेंगे. उधर एफएसए के जनरल मुस्तफा अल शेख भी कहा कि अगर उन्होंने एक गोली चलाई तो हम सौ से जवाब देंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी विद्रोहियों की ओर से वो नहीं बोलेंगे. कट्टरपंथी धड़े के एक विद्रोही गुट ने संकेत दिया है कि वह संघर्ष विराम के लिए बाध्य नहीं है.
सीरिया के समर्थक रूस ने इस शांति का स्वागत करते हुए इसे मूल रूप से अहम बताया है. रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अलेक्जांडर लुकाशेविच ने कहा कि इस योजना से लड़ाई खत्म करने का राजनीतिक हल का दरवाजा खुलेगा. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हॉन्ग लेई ने कहा, हमें उम्मीद है कि सीरिया में संबंधित धड़े गंभीर कदम लेंगे और संयुक्त राष्ट्र के दूत ब्राहिमी के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए उनके साथ काम करेंगे.
उधर सऊदी अरब ने कहा कि जेद्दा में सीरियाई दूतावास में काम करने वाले तीन लोगों को निकाल दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, सार्वजनिक हित के मद्देनजर उनकी गतिविधियों के कारण यह कदम उठाया गया है. उनकी कुछ गतिविधियां उनके काम से जुड़ी हुई नहीं थी.
सहायता एजेंसियों के लिए मौका
संयुक्त राष्ट्र की राहत सहायता देने वाली एजेंसियों के लिए यह अच्छा मौका है क्योंकि शांति के दौरान वह ऐसे इलाकों में मदद कर सकती हैं जहां हिंसा और हमलों के कारण वह पहले नहीं जा पा रही थी. जेनेवा में एक अधिकारी के हवाले से रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने लिखा है, "यूएन एजेंसियां तेजी से उन इलाकों में जाने की तैयारी कर रही हैं जहां वह पहले हिंसा के कारण नहीं जा पा रही थीं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा है कि वह करीब 13 हजार परिवारों को आपात किट देने की तैयारी में है. यूएनएचसीआर ने कहा है, "हम और हमारे साझेदार तेजी से काम करना चाहते हैं बशर्ते सुरक्षा स्थिति ठीक हो."
एएम/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)