महंगा पड़ा समलैंगिकता के इलाज पर बयान
१३ जनवरी २०१५एलजीबीटी समुदाय के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने के कारण आलोचनाओं से घिरे गोवा के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री रमेश तावडकर ने भले ही अपना विवादित बयान वापस ले लिया हो स्थानीय टीवी चैनल अब भी तावडकर के उस बयान को दिखा रहे हैं जिसमें वह ये कहते हुए दिख रहे हैं कि सरकार समलैंगिक और किन्नर युवाओं का इलाज कराने के लिए केंद्रों की स्थापना पर विचार कर रही है ताकि उन्हें 'सामान्य' बनाया जा सके. सोशल मीडिया पर समलैंगिक अधिकारों के समर्थकों ने इसके खिलाफ खूब प्रतिक्रियाएं व्यक्त की.
भारत में समलैंगिकों के अधिकारों की वकालत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हरीश अय्यर ने कुछ इस तरह उड़ाया समलैंगिकता के इलाज किए जाने का मजाक...
नाज फाउंडेशन की संस्थापक अंजली गोपालन ने गोवा के मंत्री को "अक्षम मूर्ख" की संज्ञा दे डाली. गोपालन ने ही भारत में समलैंगिक सेक्स संबंधों को अपराध की सूची से बाहर निकालने के लिए सबसे पहला मामला दर्ज किया था.
गोवा सरकार की युवा नीति में एलजीबीटी समुदाय को ऐसे कलंकित समूहों की सूची में शामिल किया गया है जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. कई लोगों ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रियाओं में इन समुदायों के विरूद्ध कई तरह के भेदभाव और गलतफहमियों का भी खंडन किया है.
भारत में बॉलीवुड के कुछ सितारे भी कई तरह से एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की वकालत करते आए हैं. कुछ समय पहले अभिनेता इमरान खान इस वीडियो में दिखे थे, जिसमें उन्होंने मजेदार तरीके से इन प्रचलित गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया था.
12 जनवरी को ही मिस्र की अदालत ने मानव अधिकार संगठनों की मांगों को मानते हुए 26 ऐसे लोगों रिहा कर दिया है जिन्हें पहले व्यभिचार का दोषी बताया गया था. 7 दिसंबर को इन लोगों को मिस्र में एक हमाम से गिरफ्तार किया गया था और उन पर वहां समलैंगिक संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था. ऐसे आरोप के बावजूद रिहा किए जाने का मिस्र में यह पहला मामला है.