सबरीमाला हादसे की न्यायिक जांच
१५ जनवरी २०११राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है. गंभीर रूप से घायलों को 50,000 और घायलों को 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. मारे गए लोगों के शवों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए निशुल्क रोड और फेरी सेवाएं दी जाएंगी. पीड़ितों में ज्यादातर लोग तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के हैं.
उत्तर भारत में मकर संक्राति की ही तरह दक्षिण भारत के इन राज्यों में पोंगल का त्योहार मनाया जाना हैं. लेकिन सबरीमाला हादसे ने सैकड़ों परिवारों को जश्न की जगह मातम में डुबो दिया. केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी हादसे पर अफसोस जताते हुए अपना पोंगल कार्यक्रम रद्द कर दिया है. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा, ''मैं हादसे से अचंभित और शोक में हूं.''
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने कहा कि जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान जज से कराने की कोशिश की जाएगी. हादसे के बाद राज्य सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों को घटनास्थल पर रहने के लिए कहा गया है.
मशहूर सबरीमाला मंदिर में शुक्रवार रात श्रद्धालुओं से भरी एक जीप अनियंत्रित हो गई. जीप श्रद्धालुओं की भीड़ में घुस गई और इससे भगदड़ मच गई. सुबह तक चले राहत कार्य के बाद मंदिर के पास के मैदान में 104 शवों की लाइन लग गई.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन