विदेशी विरोधी एनपीडी पर पाबंदी की तैयारी
१५ दिसम्बर २०१२जर्मन संसद का ऊपरी सदन बुंडेसराट देश की सबसे बड़ी अदालत से धुर दक्षिणपंथी पार्टी एनपीडी पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहने पर रजामंद हो गया है. सदन ने माना है कि एनपीडी नवनाजियों से घिरा है और दक्षिणवादी चरमपंथ सहन नहीं किया जा सकता.
विदेशी विरोधी नेशनल डेमोक्रैटिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के बुंडेसराट के इस फैसले को जर्मनी के कई राज्यों का समर्थन हासिल है. नवनाजियों के समर्थन वाली एनपीडी के पास देश के 16 में से दो राज्यों की एसेंबली में सीटें हैं. इसके अलावा पूरे देश के स्थानीय प्रशासनों में एनपीडी की मौजूदगी है. थुरिंगिया राज्य की मुख्यमंत्री क्रिस्टीने लीबरक्नेष्ट, "दक्षिणपंथी चरमपंथ हमारे देश के लिए शर्मनाक है, हमें इसे खत्म करने के लिए हरकत में आना होगा, हमें पूरा यकीन है कि एनपीडी असंवैधानिक है."
बुंडेसराट की यह सहमति जर्मनी में एनपीडी पर प्रतिबंध लगाने की दूसरी कोशिश है. एनपीडी को 2010 में वैध राजनीतिक दलों को मिलने वाले सार्वजनिक अनुदान के तहत करीब 12 लाख यूरो मिला था. 2003 में एनपीडी पर प्रतिबंध लगाने की इसी तरह की एक कोशिश नाकाम हो गई थी. तब अदालत ने कहा था कि पार्टी में मुखबिरों की मौजूदगी का मतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों ने पार्टी के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ किया हो. उस वक्त यह जानकारी सामने आई थी कि पार्टी में सुरक्षा एजेंसियों ने कई मुखबिरों को तैनात कर रखा था और वो उन लोगों का खर्च भी उठा रहे थे. यह मुखबिर पार्टी में शीर्ष पदों पर भी थे. इन्हीं से मिली जानकारी को पार्टी पर प्रतिबंध लगाने का आधार भी बनाया गया था.
हेस्से राज्य के न्याय मंत्री योर्ग ऊवे हान ने एनपीडी पर प्रतिबंध की कोशिश में मौजूद जोखिमों की ओर भी ध्यान दिलाया है. हान ने कहा कि एनपीडी पर प्रतिबंध लगाने में अगर नाकाम रहे तो इससे पार्टी का दर्जा बहुत ज्यादा बढ़ सकता है. बुंडेसराट में इस मसले पर वोटिंग में हेस्से राज्य शामिल नहीं हुआ. कानूनी जानकारों का कहना है कि पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश को जर्मनी के राजनीतिक दलों के पूरी समर्थन की जरूरत है. संवैधानिक अदालत में इसकी सफलता के तभी आसार बन सकेंगे.
जर्मन सरकार का कहना है कि इस कदम को समर्थन देने के बारे में वह फैसला मार्च में करेगी. संसद के निचले सदन बुंडेसटाग ने भी अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि वह इस पर अपने रुख के बारे में कब विचार करेगी. जर्मन चांसलर और बुंडेसटाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही यह मामला संवैधानिक अदालत तक पहुंचेगा.
एनपीडी पर प्रतिबंध के लिए अभियान एक साल पहले नवनाजियों की कुछ हरकतों के सामने आने के बाद शुरु हुआ. पता चला कि नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड नाम के एक स्वयंभू गुट के सदस्यों ने कुछ सालों के दौरान नियोजित रूप से 9 तुर्क और ग्रीक प्रवासियों के अलावा एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या की है. ये हत्याएं 2000 से 2007 के बीच की गईं. एनपीडी के एक पूर्व अधिकारी पर कथित रूप से इस गुट को सहायता देने का भी आरोप लगा. इस गुट के दो सदस्य बैंक लूटने के बाद मारे गए जबकि उनकी एक महिला सहयोगी पर मुकदमा चल रहा है.
एनआर/एमजे (डीपीए)