वरुण: अब नसबंदी का समर्थन
९ मई २००९उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से बीजेपी के उम्मीदवार वरुण गाँधी ने सुर्खियों में रहने की कला बखूबी सीख ली है. अपने मुस्लिम-विरोधी भड़काऊ भाषणों के कारण जेल की हवा खाने के बाद अब उन्होंने एक और विवाद छेड़ दिया है. ब्रिटेन के जाने-माने दैनिक टेलीग्राफ को दिए एक इन्टरव्यू में उन्होंने कहा है कि वह अपने पिता संजय गाँधी की नसबंदी नीति के समर्थक हैं और सभी के लिए सैनिक सेवा अनिवार्य बनाने के पक्ष में हैं.
बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आज वरुण गाँधी के बयान से पार्टी को अलग कर लिया. संजय गाँधी ने इमरजेंसी के दौरान ज़बरन नसबंदी का अभियान छेड़ा था जिसके दौरान मुस्लिम समुदाय के अनेक सदस्यों की उनकी इच्छा के खिलाफ नसबंदी कर दी गयी थी. अनेक ऐसे नौजवान भी इस अभियान का शिकार हुए थे जिनकी शादी ही नहीं हुई थी. ज़ाहिर है कि इमरजेंसी का विरोध करने वाली बीजेपी वरुण गाँधी के बयान पर झेंपी हुई है.
उधर आज राहुल गाँधी ने पंजाब में चुनाव सभाओं को संबोधित करते हुए बीजेपी और प्रधानमंत्री पद के लिए उसके उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी पर तीखे प्रहार किये. आडवाणी के इस बयान पर कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी अयोध्या में राम-मंदिर का निर्माण करेगी, राहुल गाँधी ने कहा कि चुनाव के वक्त ही इन्हें राममंदिर की याद आती है. उन्होंने बीजेपी की अल्पसंख्यक-विरोधी राजनीति की कड़ी आलोचना की.
आज तेलंगाना राष्ट्र समिति ने संकेत दिया कि वह तीसरा मोर्चा छोड़ कर एनडीए का दामन थामने जा रही है. पार्टी के नेता विनोद कुमार ने कहा कि जो भी पृथक तेलंगाना राज्य का समर्थन करेगा, टीआरएस उसी का साथ देगी. यहाँ बता दें कि बीजेपी छोटे राज्यों के गठन के पक्ष में है.
उधर चेन्नई में आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुनाव सभाओं को संबोधित करने के अलावा डीएमके अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करूणानिधि से भी मुलाकात की. संवादाताओं से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और डीएमके का गठबंधन समय की कसौटी पर खरा उतरा है और दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया कि श्रीलंका में भारत सेना नहीं भेज सकता. उल्लेखनीय है कि एआईएडीएमके की नेता जयललिता ने घोषणा की है कि यदि वह सत्ता में आईं तो पृथक तमिल ईलम के निर्माण के लिए श्रीलंका में सेना भेजी जायेगी.
रिपोर्ट: कुलदीप कुमार, नई दिल्ली
संपादन: महेश झा