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लीबिया में अब अबदाबिया के लिए भारी संघर्ष

१० अप्रैल २०११

लीबिया में नाटो सेनाओं ने गद्दाफी सेना के 17 टैंक ध्वस्त किए. एक लड़ाकू विमान को नियंत्रण में लेकर जबरन उतरवाया. वहीं गद्दाफी समर्थक सेना ने विद्रोहियों के हेलीकॉप्टर गिरा दिए. अजदाबिया को लेकर भंयकर लड़ाई छिड़ी.

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तस्वीर: AP

ब्रेगा और मिसराता के बाद अजदाबिया को लेकर गद्दाफी समर्थक सेनाओं और विद्रोहियों के बीच भारी संघर्ष चल रहा है. अजदाबिया में गद्दाफी समर्थक सेनाओं ने विद्रोहियों को काफी पीछे सरका दिया है. शहर के आस पास शनिवार शाम से ही काफी सैन्य गतिविधि हो रही है.

इससे पहले शनिवार को नाटो सेनाओं ने दावा किया है कि उनके लड़ाकू विमानों ने मिसराता शहर में गद्दाफी सेनाओं के 17 टैंकों पर हवाई हमले किए. नाटो के मुताबिक यह टैंक आम लोगों के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे थे. नाटो के मुताबिक उसके लड़ाकू विमानों ने राजधानी त्रिपोली के गद्दाफी सेनाओं के एक बारूदघर को भी उड़ा दिया.

गद्दाफी की सेना आभी भी मजबूत

बेनगाजी में एक लड़ाकू विमान को जबरदस्ती उतरवा दिया गया. नाटो के मुताबिक विमान विद्रोहियों के नियंत्रण वाले बेनगाजी शहर में उड़ान भर रहा था. बाद में पता चला कि यह विद्रोहियों का मिग- 23 विमान था जो नो फ्लाई जोन के बावजूद शहर के आस पास मंडरा रहा था. लीबिया में बीते दो दिन में नाटो की कार्रवाई में तेजी आई है. नाटो के मुताबिक शनिवार को पहली बार साझा सेनाओं को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदे के तहत नो फ्लाई जोन लागू करवाना पड़ा.

Superteaser NO FLASH Libyen Aufständische bei Brega
तस्वीर: dapd

हालांकि इस तेजी के बावजूद गद्दाफी की सेनाओं की पकड़ ढीली पड़ती नहीं दिखाई दे रही है. गद्दाफी के समर्थकों ने अपनी कार्रवाई पूरी रफ्तार से जारी रखी है. शनिवार को गद्दाफी सेनाओं ने विद्रोहियों के दो हेलीकॉप्टर गिराने का दावा किया. सेना के मुताबिक ब्रेगा शहर में उड़ान भर रहे दोनों हेलीकॉप्टरों को गिरा दिया गया.

अफ्रीकी संघ का शिष्टमंडल लीबिया पहुंचेगा

इस बीच अफ्रीकी संघ का शिष्टमंडल लीबिया जा रहा है. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा की अगुवाई में यह शिष्टमंडल आज लीबिया पहुंचेगा और दोनों पक्षों से बातचीत करेगा.

लीबिया में फरवरी मध्य में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे. अब प्रदर्शन गायब हैं और गद्दाफी सरकार और उसके हथियारबंद विरोधी आमने सामने हैं. नाटो और पश्चिमी देशों की सेनाएं विद्रोहियों का समर्थन कर रही हैं. अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, और कनाडा का आरोप है कि गद्दाफी अपनी सत्ता बचाने के लिए आम लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं. गद्दाफी इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हैं. उनका कहना है कि पश्चिमी देश अपने स्वार्थ के खातिर लीबिया पर हमला कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ईशा भाटिया

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