लव परेड - सपनों के सौदे पर बहस
२६ जुलाई २०१०सभी मृतक 18 से 38 वर्ष की उम्र के बीच के थे, 11 युवतियां और 8 युवक. डुइसबुर्ग शहर के आयोजन स्थल में सिर्फ़ ढाई लाख लोगों के आने के लिए प्रशासनिक अनुमति मिली हुई थी, लेकिन वहां 14 लाख युवा आए हुए थे. इसके अलावा आपात निकास की चौड़ाई के नियमों का पालन नहीं किया गया.
इस भयानक दुर्घटना के बाद जर्मनी में विशाल कंसर्टों के आयोजन पर कई सवालिया निशान लग चुके हैं. ऐसे कंसर्टों के आयोजक भी सारे मामले को डुइसबुर्ग तक सीमित करने पर लगे हुए हैं. जर्मनी के मशहूर कंसर्ट आयोजक मारेक लीबरबैर्ग का कहना है कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक आपराधिक मामला है. नगर निकाय शोहरत चाहता था, आयोजक अधिक से अधिक मुनाफ़ा कमाना चाहते थे, और दोनों नौसिखिए थे.
इस बीच सरकारी अभियोक्ता की ओर से मामले की जांच का आदेश दिया गया है. आयोजक बिल्कुल ख़ामोश हैं, सिर्फ़ इतना बताया गया है कि फिर कभी लव पैरेड का आयोजन नहीं किया जाएगा. पुलिस ट्रेड यूनियन संघ के अध्यक्ष राइनर वेंट के अनुसार इस बात के प्राथमिक संकेत मिलते हैं कि पैसे बचाने के लिए सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त नहीं किया गया था. यहां तक कि दमकल विभाग की कोई योजना भी नहीं बनाई गई थी.
कई सालों से बर्लिन में दसियों लाख युवाओं की भागीदारी के साथ आयोजित टेक्नो पार्टी लव पैरेड म्युजिक बिजनेस का एक विशाल मामला बन चुका था. दसियों लाख की पार्टी के बाद शहर को साफ़ करने के लिए नगर निकाय को भारी बंदोबस्त करना पड़ता था और पर्यावरण को काफ़ी नुकसान पहुंचता था, इसलिए बर्लिन में इसकी अनुमति रद्द कर दी गई थी. पिछले साल बोखुम में इसका आयोजन किया जाना था, लेकिन सुरक्षा की चिंता के चलते रद्द कर दिया गया. इस बार रूर के पूरे क्षेत्र को यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा मिला है, उसी के तहत क्षेत्र के डुइसबुर्ग नगर में इसका आयोजन किया गया. सुरक्षा की चिंता यहां भी सामने आई थी, उस पर ध्यान नहीं दिया गया.
जर्मनी में इस तरह के बड़े सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, उनका व्यवसायिक पक्ष भी होता है, मिसाल के तौर पर कोलोन व अन्य शहरों में कार्नेवाल. लेकिन लव पैरेड पूरी तरह से एक व्यवसायिक परियोजना है, और एक ही आयोजक की ओर से उसे चलाया जाता है. एक बिजनेस हाउस की तरह इसे संगठित किया जाता है, प्रचार के जरिये लाखों युवाओं को आकर्षित किया जाता है, और वे आते भी हैं.
और ऐसी एक व्यवसायिक परियोजना की बलिवेदी पर अब 19 युवा अपनी जान गंवा चुके हैं. 11 युवतियां और 8 युवक.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: आभा एम