राष्ट्रगान बदलेगा स्विट्जरलैंड!
१४ दिसम्बर २०१३आलोचकों का कहना है कि देश का मौजूदा राष्ट्रगान बहुत ज्यादा भगवान और आस पास के नजारों की बात करता है और यह मौजूदा स्थिति से बहुत दूर है. नया राष्ट्रगान चुनने के लिए बनी अनौपचारिक समिति के पीयरे कोहलर का कहना है, "कोई इसके शब्द नहीं जानता. अगर कोई कहता है कि उसे पता है, तो वह गलत कहता है. या ऐसा हो सकता है कि कोई शुरू के कुछ शब्द जानता हो और बाद में ला, ला, ला कर देता हो."
इस साल एक जनवरी को नया राष्ट्रगान चुनने का अभियान शुरू हुआ और पहला पुरस्कार जीतने वाले को 10,000 स्विस फ्रैंक (करीब सात लाख रुपये) देने का एलान किया गया. कोहलर ने कहा, "निजी तौर पर मुझे लगता है कि हर 50 से 100 साल बाद राष्ट्रगान बदल दिया जाना चाहिए. यह कोई बड़ी समस्या नहीं है. बल्कि इससे तो लोगों को सोचने का मौका ही मिलता है."
तीन साल का समय
उनका उद्देश्य है कि 2016 तक सरकार को इसके बोल दे दिए जाएं. करीब 80 लाख की आबादी वाले देश में इसके बाद जनमत संग्रह हो सकता है. यह देश अपने सीधे लोकतंत्र की वजह से जाना जाता है. देश का मौजूदा राष्ट्रगान 1841 में तैयार किया गया था और इसे देश में "स्विस जाल्म" कहते हैं. इसमें स्विट्जरलैंड के आस पास के नजारों का जिक्र है.
जूरी में शामिल ओस्कर क्नप कहते हैं, "इसमें पहाड़ों की बात है. यह मौसम रिपोर्ट और भगवान के संदेश के बीच की चीज है. हो सकता है कि उस वक्त के लिए यह सही हो." स्विट्जरलैंड में ज्यादातर लोग जर्मन बोलते हैं, जबकि वहां फ्रांसीसी, इतालवी और स्थानीय सोमांश भाषा भी बोली जाती है. राष्ट्रगान भी इन भाषाओं में उपलब्ध है.
मौजूदा स्विस संघ 1848 में बना और उसमें सत्ता के अलग अलग केंद्र थे. इसकी वजह से कोई साझा राष्ट्रगान पनप नहीं पाया. इसकी वजह से "मेरे पितातुल्य धरती, जब तुम मुझे बुलाओ" के बोल वाला गान आम तौर पर सबको एक साथ बांधता रहा, जिसकी रचना 1811 में हुई थी.
लेकिन इसकी धुन ब्रिटेन के राष्ट्रगान "ईश्वर महारानी की सुरक्षा करे" से मिलती जुलती है, जो कई देशों में थी. स्विट्जरलैंड के पड़ोसी देश लिश्टेनश्टाइन में राष्ट्रगान इसी धुन पर है.
कैसे बना यह राष्ट्रगान
"स्विस जाल्म" को उन्नीसवीं सदी के बाद से राष्ट्रगान बनाने पर जोर दिया जाने लगा. 1961 में सरकार ने इसे अस्थायी राष्ट्रगान घोषित किया और 1981 में इसे राष्ट्रगान बना दिया गया. आलोचकों का कहना है कि यह राष्ट्रगान तो पांच दशक पहले ही पुराना हो चुका है क्योंकि हाल के वर्षों में स्विट्जरलैंड का समाज बहुत बदला है. स्विस सोसाइटी फॉर पब्लिक गुड्स के अध्यक्ष यान डानियल गेर्बर का कहना है, "हमें लय से आपत्ति नहीं. यह तो बहुत खूबसूरत है. लेकिन इसके बोल पुराने पड़ चुके हैं."
दूसरी तरफ मौजूदा राष्ट्रगान का समर्थन करने वाले नाराज हैं. स्विसजाल्म डॉट सीएच के हुबर्ट स्पोएरी का कहना है, "मेरी नजर में, स्विट्जरलैंड के पास बहुत अच्छा राष्ट्रगान है, जिसे अच्छी अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है. मुझे इस बात से निराशा है कि कुछ लोग इसे बदलने पर तुले हैं."
आम लोगों की इस पर मिली जुली प्रतिक्रिया है. 39 साल के ब्रूनो एबेंटर का कहना है, "यह पुराने जमाने का है. लेकिन यह स्विट्जरलैंड का है, इसलिए यह ठीक है." लगभग 50 साल के पॉल मोएलर का कहना है, "परंपरा तो परंपरा है."
इस बारे में आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जून है. चारों भाषाओं में आवेदन किए जा सकते हैं. हो सकता है कि इसके बाद स्विट्जरलैंड को नया राष्ट्रगान मिल जाए.
एजेए/ओएसजे (एएफपी)