रामदेव संन्यासी से ज्यादा बिजनेसमैनः दिग्विजय
२ जून २०११दिग्विजय सिंह ने मुरादाबाद में एक रैली में कहा, "योग सिखाने के लिए भी वह उन लोगों से 50 हजार रुपये लेते हैं जो आगे की कतार में बैठे होते हैं, पीछे बैठने वालों से 30 हजार और सबसे पीछे बैठने वालों से एक हजार लिए जाते हैं. यह सब क्या है." कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनकी पार्टी रामदेव से नहीं डरती और उनसे बात कर रही है. कांग्रेस नेता ने कहा, "अगर कांग्रेस डरी होती तो रामदेव को जेल भेज दिया जाता. कोई डर नहीं है, इसीलिए वह खुले घूम रहे हैं और उनके साथ बात हो रही है."
रामदेव के मुद्दे पर कांग्रेस और यूपीए सरकार के बीच मतभेद हैं. पार्टी इस बात पर नाराजगी जता चुकी है कि सरकार ने बुधवार को अपने चार मंत्री एयरपोर्ट पर ही रवाना कर दिए ताकि उज्जैन से दिल्ली पहुंचने वाले रामदेव को अनशन न करने के लिए तुरंत मनाया जा सके. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ अन्य केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पवन कुमार बंसल और सुबोधकांत सहाय रामदेव से मिले. कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि रामदेव से बात करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन मंत्रियों को एयरपोर्ट भेजने की कोई जरूरत नहीं थी. उनका कहना है कि इस फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कोई लेना देना नहीं है.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे में हमारी भी दिलचस्पी है, लेकिन भूख हड़ताल पर बैठने से न तो भ्रष्टाचार खत्म होगा और न ही काला धन वापस आएगा. उन्हें (रामदेव को) प्रधानमंत्री का आग्रह मान लेना चाहिए और अपनी छोड़ देनी चाहिए."
इस बीच रामदेव के आंदोलन के मद्देनजर गुरुवार को सत्ताधारी कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री शामिल होंगे. कोर कमेटी की बैठक अकसर शुक्रवार को होती है लेकिन इस बार यह एक दिन पहले ही हो रही है. जाहिर है कि पार्टी रामदेव के आंदोलन को लेकर बेहद गंभीर है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा