यूरो हॉक पर संसदीय जांच आयोग
२३ जुलाई २०१३सोमवार को यूरो हॉक जांच आयोग की पहली बैठक हुई. कई गवाहों की सुनवाई के बाद विपक्ष ने रक्षा मंत्री थोमस दे मेजियर पर विफलता का आरोप लगाया है. विपक्षी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी और ग्रीन पार्टी के नेताओं ने कहा है कि रक्षा मंत्री ने महत्वपूर्ण ड्रोन परियोजना पर ध्यान नहीं दिया जबकि सत्तारूढ़ क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी, क्रिश्चियन सोशल यूनियन और फ्री डेमोक्रैटिक पार्टियों के नेताओं ने परियोजना की शुरुआती गलतियों की ओर ध्यान दिलाया.
शुरुआती जांच
सोमवार को आयोग की बैठक के पहले दिन जिन गवाहों की सुनवाई हुई उसमें जांच का मुद्दा 2000 के आरंभ में परियोजना का शुरुआती चरण था. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय में सूचना के प्रवाह पर भी सांसदों ने जानकारी ली. रक्षा मंत्री थोमस दे मेजियर ने अब तक अपने बचाव में कहा है कि मई में रोकी गई यूरो हॉक परियोजना में शुरू से ही दिक्कत थी और उन्हें आधिकारिक रूप से इनके बारे में बताया नहीं गया था. जांच आयोग में एसपीडी के प्रतिनिधि राइनर आर्नोल्ड ने कहा कि परियोजना की विफलता के लिए शुरुआती गलतियां जिम्मेवार नहीं हैं बल्कि सीडीयू के मंत्री ने उस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया.
एसपीडी की महासचिव आन्द्रेया नालेस ने तो दे मेजियर के इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि मंत्रालय उनके नियंत्रण में नहीं है. ग्रीन सांसद ओमिद नूरीपुर ने कहा कि दे मेजियर ने यूरो हॉक के मामले में "भारी लापरवाही" दिखाई है.
इसके विपरीत सीडीयू के सांसद ने अपनी पार्टी के मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि यूरो हॉक के मामले में दस साल पहले ही गलतियां की गईं और ड्रोन के लिए सामान्य उड़ान की लाइसेंस की मांग को कमजोर कर दिया गया. एफडीपी के सांसद योआखिम श्पात्स ने भी कहा कि लाइसेंस न मिलने का खतरा उस समय के फैसले में निहित था.
यूरो हॉक परियोजना के साथ शुरू में जुड़े रहे पूर्व सेनाप्रमुख वोल्फगांग श्नाइडरमन ने माना कि इस परियोजना के साथ उड़ान के नए इलाके में कदम रखा गया था और समस्या खड़ी होने का अंदेशा था. लेकिन उसके समाधान हो जाने की उम्मीद थी. "उस समय कोई ऐसा नहीं था जिसने कहा हो, नहीं." उन्होंने शुरुआती गलती के शब्द से अहमति जताते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में हर परियोजना के साथ मुश्किलें रही हैं.
नेतृत्व पर सवाल
एसपीडी-ग्रीन सरकार में रक्षा मंत्री रहे रूडॉल्फ शार्पिंग ने अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान मंत्री पर नेतृत्व के अभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय के प्रमुख की यह जिम्मेदारी होती है कि यूरो हॉक जैसे ड्रोन प्रोजेक्ट में क्षमता में कमी को दूर किया जाए. इस पर अमल की जिम्मेदारी अधिकारियों पर नहीं छोड़ी जा सकती. "मुझे नियमित रूप से जानकारी लेनी चाहिए, प्रोत्साहन देना चाहिए, सवाल पूछना चाहिए."
2009 तक रक्षा मंत्री रहे सीडीयू के सांसद फ्रांत्स योजेफ युंग ने कहा कि उन्हें लाइसेंस पाने की दिक्कतों के बारे में कुछ नहीं बताया गया. 2008 में उनके सामने ड्रोन सिस्टम की पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया गया. अपनी पार्टी के मंत्री को कोई राहत न देते हुए उन्होंने कहा कि 2007 में उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिकी कंपनी नॉर्थ्रॉप और यूरोपीय कंपनी ईएडीएस के बीच हुई विकास की संधि पूरी तरह ठीक ठाक थी.
रक्षा मंत्री थोमस दे मेजियर इस महीने के अंत में आयोग के सामने सवालों के जवाब देंगे. उन्होंने मई महीने में जर्मन हवाई क्षेत्र में उड़ान का लाइसेंस नहीं मिलने के बाद यूरो हॉक परियोजना पर रोक लगा दी थी. तब तक इस परियोजना पर 50 करोड़ यूरो खर्च किए जा चुके थे. जांच आयोग इस बात का फैसला करेगा कि क्या इस परियोजना को पहले ही रोक देना चाहिए था ताकि करदाताओं का करोड़ों का खर्च हच जाता.
जर्मन सेना ने कोसोवो युद्ध के समय मानवरहित खोजी विमान की जरूरत महसूस की. उसके बाद ड्रोन के विकास पर काम शुरू हुआ और यूरोपीय एयरोस्पेस कंपनी ईएडीएस तथा अमेरिकी कंपनी नॉरथ्रॉप ग्रुम्मन के सहयोग से यूरो हॉक कंपनी बनी. नॉरथ्रॉप ने ग्लोबल हॉक बनाया है. यूरो हॉक की बॉडी नॉरथ्रॉप ने बनाई है जबकि उसका खोजी सिस्टम ईएडीएस ने तैयार किया है. दिक्कत यह थी कि यूरो हॉक का अमेरिकी लाइसेंस जर्मनी में वैध नहीं था और जर्मन नियामकों ने ड्रोन तकनीक का अनुभव नहीं होने के कारण उसे लाइसेंस नहीं दिया. जर्मन रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अमेरिकी पक्ष ने पूरे दस्तावेज नहीं दिए जिसकी वजह से यह साबित नहीं किया जा सका कि यूरो हॉक नागरिक उड्डयन के लिए कोई खतरा नहीं है.
एमजे/एएम (एएफपी, डीपीए)