यह कैसा अंतरराष्ट्रीय शहर दिल्ली
२२ मार्च २०११बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र को कम करना चाहती है और भ्रष्टाचार के आरोप लगे कैबिनेट मंत्री को हटाने के बारे में कोई बात नहीं कर रही.
उप राज्यपाल के अभिभाषण को निराशाजनक बताते हुए मल्होत्रा कहा कि उनके भाषण में कोई अहम मुद्दा नहीं उठाया गया. "इसमें न तो अवैध कॉलोनियों की बात थी, न जल वितरण प्रणाली की, मिलावट, यातायात की समस्याएं, यमुना नदी के प्रदूषण और भ्रष्टाचार की कहीं बात नहीं उठाई गई. सरकार ने कहा था कि वह भ्रष्टाचार को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगी. लेकिन हम देख रहे हैं कि अवैध काम और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं हैं. लोकायुक्त ने मंत्री को हटाने की सिफारिश की थी लेकिन उन्हें हटाने की बजाए लोकायुक्त के अधिकार कम करने की बात की जा रही है." दिल्ली के लोकायुक्त मनमोहन सरीन ने पिछले महीने विकास प्राधिकरण मंत्री राज कुमार चौहान को गंभीर अनियमितताओं का दोषी पाया था.
मल्होत्रा ने सरकार को जनता और गरीब विरोधी करार देते हुए कहा कि दिल्ली कैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर हो सकता है. मीडिया इसे देश की आपराधिक राजधानी करार देता है. "इस वर्ल्ड क्लास सिटी में एक साल में कम से कम 2500 बच्चे लापता हो जाते हैं, पानी के प्रदूषण की रिपोर्टें आती हैं. एक ऐसा शहर जहां टॉयलेट्स की तुलना में मोबाइल फोनों की संख्या ज्यादा है और अस्पतालों की तुलना में पांच सितारा बिस्तर अधिक हैं."
शीला दीक्षित ने वीके मल्होत्रा के सभी दावों का खंडन करते हुए बीजेपी को अपने गरीबां में झांकने की सलाह दी.
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः महेश झा