मोदी बीसीसीआई की पेशी में नहीं गए
१६ जुलाई २०१०मोदी के वकीलों की टीम की अगुवाई महमूद आबदी कर रहे हैं. इसमें तीन और वकील हैं. उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की सुनवाई में जाने से पहले कहा कि वे लोग कमेटी से आईपीएल के अंतरिम चेयरमैन चिरायु अमीन और अरुण जेटली को हटाने की मांग करेंगे. बीसीसीआई मुख्यालय के बाहर आबदी ने कहा, "हम लोग यहां बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद आए हैं. हमें अभी आदेश की कॉपी नहीं मिली है. कॉपी मिलने के बाद हम बीसीसीआई से अनुरोध करेंगे कि वह सुनवाई के लिए दूसरी तारीख दे." ललित मोदी फिलहाल भारत से बाहर हैं और वह बीसीसीआई की इस सुनवाई में हाजिर नहीं हुए.
इससे पहले गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ललित मोदी को कोई राहत नहीं दी और उनकी चुनौती याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि मोदी का मामला बीसीसीआई से जुड़ा है. जस्टिस बीएच मारापल्ले और जस्टिस रोशन दलवी की खंडपीठ ने मोदी की उस अपील को दरकिनार कर दिया, जिसमें बीसीसीआई की कमेटी को फिर से गठित करने की मांग थी. हालांकि हाई कोर्ट ने कहा कि मोदी आखिरी फैसले को चुनौती दे सकते हैं और उस वक्त वह कमेटी के गठन का मुद्दा भी उठा सकते हैं.
मोदी का आरोप है कि बीसीसीआई ने जो कमेटी बनाई है, वह उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाएगा. उन्होंने कहा था कि पैनल में स्वतंत्र लोगों को शामिल किया जाना चाहिए, अगर हो सके तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जजों को.
लेकिन अदालत ने कहा कि बीसीसीआई के नियमों के तहत अनुशासनात्मक समिति के पास सीमित अधिकार हैं. वह सिर्फ मामले की जांच कर सकती है और इसकी रिपोर्ट तैयार कर सकती है, जिसे वह बोर्ड के पास भेजेगी. आखिरी फैसला बोर्ड को ही लेना है.
ललित मोदी की अगुवाई में ढाई साल पहले बीसीसीआई ने क्रिकेट लीग आईपीएल की शुरुआत की, जो सुपर हिट रहा. तीन बार के आईपीएल में इसकी खूब ख्याति हुई और मोदी रातों रात स्टार बन गए. लेकिन इस साल आईपीएल मुकाबले के दौरान ही मोदी पर कई आरोप लगे, जिनमें आर्थिक अनियमितता और अपने करीबी लोगों को मदद पहुंचाने के आरोप भी थे.
मोदी को आईपीएल खत्म होने के साथ ही सस्पेंड कर दिया गया और उन्हें एक के बाद एक तीन कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. हालांकि मोदी ने इन सभी नोटिसों को जवाब दे दिया लेकिन बीसीसीआई ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः आभा एम