मुंबई मेट्रो के लिए पेड़ों की कटाई सुप्रीम कोर्ट ने रोकी
७ अक्टूबर २०१९मेट्रो रेल की परियोजना के तहत आरे के जंगलों से 2700 पेड़ों को काट कर ट्रेनों के लिए पार्किंग शेड बनाया जाना है. जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने अधिकारियों से कहा है कि वे फिलहाल पेड़ काटना बंद कर दें और यथास्थिति को बनाए रखें. पेड़ काटने का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे मुंबई में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा.
सप्ताहांत में भारतीय पुलिस ने दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया. ये लोग अधिकारियों को पेड़ काटने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. पेड़ों की कटाई रोकने के लिए शुक्रवार की रात जंगल में 400 से ज्यादा लोग जमा हो गए थे. ये लोग पेड़ों से चिपक गए लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर इन्हें यहां से हटा दिया. जंगल तक आने के रास्ते पर पहरा बिठा कर और लोगों को यहां आने से रोक दिया. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
द इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि 2,134 पेड़ काटे जा चुके हैं. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इस मामले में जानकारी मांगने पर फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है.
अधिकारियों का कहना है मेट्रो रेल चालू होने से यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति में सुधार होगा और पर्यावरण में जहरीली गैसों को घुलने से रोका जा सकेगा. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े ने विरोध करने वालों पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. अश्विनी भिड़े ने ट्वीट किया है, "अगर आप कोर्ट में लड़ाई हार जाते हैं तो अच्छा होगा कि इसे सम्मान से स्वीकार करें बजाय इसके कि सड़कों पर उतर आएं."
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन पहले ही यह कह चुकी है कि ट्रेनों के शेड के लिए और कोई उपयुक्त जगह उलब्ध नहीं है और अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 2021 में मेट्रो रेल के चालू होने से मुंबई में प्रदूषण ज्यादा कम होगा. पर्यावरणवादी, राजनेता, बॉलीवुड सितारे और कई कारोबारी नेताओं ने भी पेड़ काटने का विरोध किया है. उनका कहना है कि हरे भरे इलाके को खत्म करने से प्रदूषण बढ़ेगा.
एनआर/आईबी(रॉयटर्स)
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