1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मुंबई धमाकों की जांच में बारिश बनी बाधा

१५ जुलाई २०११

मुंबई में बम धमाकों की जांच में सबूत जुटाने में पुलिस को तेज बारिश की वजह से मुश्किलें आ रही हैं. पुलिस का मानना है कि बारिश के चलते कई अहम सुराग धुल जाने की आशंका है. विस्फोटों में 17 लोग मारे गए, 100 से ज्यादा घायल.

https://p.dw.com/p/11vpB
तस्वीर: dapd

पुलिस का मानना है कि बुधवार को होने वाले विस्फोट के समय हो रही जबरदस्त बारिश के चलते अहम सुराग धुल गए हैं. इस वजह से पुलिस को फोरेंसिक सबूत जुटाने में मुश्किल पेश आ रही है. जांच टीम ने सीसीटीवी कैमरा से मिलने वाली फुटेज को देखना शुरू कर दिया है और इसके जरिए यह जानने में जुटी है कि किस तरह से इन धमाकों को अंजाम दिया गया.

शुरुआती जांच के मुताबिक बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया जो आमतौर पर आईईडी विस्फोटों में इस्तेमाल में लाया जाता है. बमों को भीड़ भरे बाजार में छिपाकर रखा गया था. गुरुवार को महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी शाखा के प्रमुख राकेश मारिया ने स्वीकार किया कि बरसात से जांच के काम में बाधा आ रही है.

NO FLASH Indien Mumbai Explosionen Sicherheit Juli 2011
तस्वीर: dapd

"बारिश के चलते विस्फोट के बारे में पूरी तरह किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में समय लग रहा है." वैसे यह पहली बार नहीं है जब भारत में विस्फोटों में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया है. चरमपंथी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने हाल के सालों में कई धमाकों की जिम्मेदारी ली है और उन हमलों में इसी का इस्तेमाल किया गया. दिल्ली में 2008 में होने वाले धमाकों और इस साल अहमदाबाद में हुए धमाकों में अमोनियम नाइट्रेट से विस्फोट किए गए.

भारत के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन संगठन के दो सदस्यों को पिछले हफ्ते अहमदाबाद धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया और अब उनसे मुंबई विस्फोटों के बारे में पूछताछ हो रही है. लेकिन राकेश मारिया ने धमाकों के लिए जिम्मेदार लोगों पर कयासबाजी से इनकार किया है. घटनास्थल पर धड़ से अलग सिर मिलने, शरीर से तार बंधे होने के चलते आत्मघाती हमलावर होने का भी संदेह है लेकिन राकेश मारिया ने अभी पुष्टि करने से इनकार किया है.

"हम किसी एक खास सगंठन पर ध्यान सीमित नहीं कर रहे हैं. हर संभावना को तलाशा जा रहा है. जैसे जैसे जांच का काम आगे बढ़ेगा, हम दोषियों तक पहुंचने में सफल हो जाएंगे." शुक्रवार को भारतीय अखबारों में पुलिस के अंधेरे में हाथ पैर मारने की रिपोर्टें छपी हैं. मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए बम धमाकों के बाद शहर के लोगों में गुस्सा फिर लौटा है.

Indien Mumbai Terroranschlag Flash-Galerie
तस्वीर: dapd

मुंबई में घायलों का हालचाल पूछने पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोषियों तक जल्द पहुंचने का संकल्प दोहराया. "मैं भारतीय जनता को भरोसा दिलाता हूं कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए सरकार पुरजोर कोशिश करेगी. यह देश की जनता की एकता और ताकत ही है जो लोगों को बांटने वाली और सभ्य समाज को नष्ट करने वाले मंसूबों को हराएगी."

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बयान में कहा है कि भारत को नुकसान पहुंचाने का इरादा रखने वाले सभी गुटों के खिलाफ जांच चल रही है. सरकार अभी किसी बात को खारिज नहीं कर रही है. भारत सरकार ने पाकिस्तान पर सीधे आरोप लगाने से परहेज किया है कि इस हमले के पीछे वहां के आतंकवादी संगठनों का हाथ है. पाकिस्तान इन धमाकों की निंदा कर चुका है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें