मानसून सत्र में इन मुद्दों पर बरसेगा विपक्ष
21 जुलाई से तीन हफ्तों तक चलने वाले भारतीय संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दल मोदी सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं. विपक्षी दल विभिन्न कांडों में फंसे मंत्रियों का इस्तीफा मांग रहे हैं.
व्यापमं घोटाला
मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की जांच अब सीबीआई के हाथों में है. राज्य की बीजेपी सरकार में शामिल कई नेताओं समेत खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिवार से भी जुड़े हैं जांच के सूत्र. विपक्ष कर रहा है चौहान के इस्तीफे की मांग और बीजेपी को हो रही है उन्हें बचाने में मुश्किल.
भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून
देश भर में हो रही किसान आत्महत्याओं की पृष्ठभूमि में भूमि बिल को लेकर सरकार का काफी विरोध है. इस कानून को दो साल पहले कांग्रेस सरकार ने तब विपक्ष में रहे बीजेपी के सहयोग से पास करवाया था. अब बीजेपी उसमें कुछ सुधार लाना चाहती है. कांग्रेस विरोध में है तो समाजवादी पार्टी ने दिए हैं मोदी का साथ देने के संकेत.
ललित मोदी विवाद
सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस ने फिर दोहराया कि उसे ललित मोदी प्रकरण में शामिल नेताओं के इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. इसे खारिज करते हुए बीजेपी के वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी भी केंद्रीय मंत्री ने कुछ भी गलत या अनैतिक नहीं किया है, इसलिए इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता.
वन रैंक, वन पेंशन की मांग
काफी लंबे समय से चली आ रही सेवानिवृत सैनिकों के लिए समान पेंशन की मांग पर भी मोदी सरकार को विपक्ष के विरोध का सामना करना होगा. इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 2 अक्टूबर से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. देशभर में 50 से अधिक ऐसे फौजी आंदोलन पहले ही जारी हैं.
पंकजा मुंडे पर भ्रष्टाचार के आरोप
महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मंत्री पंकजा मुंडे पर बिना टेंडर के 200 करोड़ से भी अधिक की खरीद किए जाने का आरोप है, जिसे लेकर भी कांग्रेस सदन में हंगामा कर सकती है.