महिलाओं पर अत्याचार
१९ सितम्बर २०१३सैनिकों में अनुशासन बनाये रखने के नाम पर लाखों महिलाओं को बंधक बनाकर जापानी सैनिकों द्वारा उनका यौन शोषण किये जाने की यह हृदय विदारक घटना सम्पूर्ण समाज को शर्मसार करने वाली है. मर्यादा की सारी हदें पार कर देने वाले यह जापानी सैनिक इंसान नहीं हो सकते. यह देश के लिए लड़ने वाले सिपाही नहीं बल्कि वासना के वह शिकारी थे जिन्होंने अपनी हवस मिटाने के लिए लाखों महिलाओं को बेघर और बर्बाद कर दिया. साथ ही उनकी मासूम इज्जत से खिलवाड़ करके उनके बचपन, उनकी जिंदगी को नर्क से भी बदतर बना दिया. "70 साल बाद सेक्स बंधक की कहानी" शीर्षक में जापानी सैनिकों के लिए "कंफर्ट विमेन" रह चुकीं और सामाजिक बहिष्कार तथा अन्याय का दंश झेल रही इन सभी महिलाओं की दर्द भरी दास्तान ने दिल को झकझोर कर रख दिया. "10 साल बाद जिंदा लौटी बेटियां" तथा "बलात्कारी को रिकार्ड तोड़ हरजाना" 5 फरवरी एवं 7 मई को डॉयचे वेले हिन्दी की वेबसाइट पर प्रकाशित यह रिपोर्टेँ भी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और सामाजिक बरवर्ता की कहानी बयां करती हैं.
आबिद अली मंसूरी, देशप्रेमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, बरेली, उत्तर प्रदेश
एंटीबायोटिक का हमारी जिंदगी में महत्व और इस्तेमाल के बारे में बहुत बेहतर और करीबी जानकारी मिली. बड़ी हैरत की बात लगी कि यदि किसी एंटीबायोटिक दवाई को इंडिया से बाहर ले जाया जाएगा, तो वह दवाई वहां काम नहीं करेगी, क्योंकि इसके बेकटेरिया का स्ट्रकचर वहां जाकर बदल जाता है. हैरानी वाली बात है कि दुनिया के अलग अलग हिस्सों में बेकटेरिया भी अलग अलग हैं. हमारे लिए ये एंटीबायोटिक की बात तो पुरानी थी, लेकिन इसके हवाले से जानकारी एक दम नई और सटीक थी.
आधुनिक जर्मनी में जंगलों का रख रखाव देख कर मजा आ गया. बहुत अच्छा लगा ये जान कर कि जर्मनी में जंगलों के सुरक्षा नियम बहुत कड़े है, पर्यावरण कानून बहुत बढ़िया हैं. जंगलों का बहुत ज्यादा ख्याल रखा जाता है और इन जंगलों की सुरक्षा भी नगर पालिका या प्रांतिय सरकार को करनी पड़ती है. कोलोन का जंगल और उसके प्रति जर्मनों के कमिटमेंट को देख कर बहुत आनंद मिला. सच में जर्मनी का एक और पहलू, एक और रंग मेरे सामने आ गया. जंगल का टिकाऊ रख रखाव करना इंसान की आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ज़रूरी है. हमारे मुल्क में तो जिस तरह बेदर्दी के साथ कानूनी और गैर कानूनी तरीकों से जंगल काटे जा रहे हैं, उस को देख कर तो एसा ही लगता है कि थोड़े ही सालों के अंदर जंगल शायद खत्म हो जाएंगे.
आजम अली सूमरो, ईगल इंटरनेशनल रेडियो लिस्नर्स कलब, ख़ैरपुर मीरस सिंध, पाकिस्तान
मैं बड़ी बेसब्री से जर्मन चुनाव पर नवीनतम समाचार देख रहा हूं क्योंकि जर्मनी के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक महत्वपूर्ण घटना है. वेबसाइट पर जर्मन चुनाव 2013 शीर्ष लिंक से बहुत सारी जानकारियां मिल जाती हैं. मेरा विचार है कि बवेरिया राज्य के चुनाव के परिणाम आम चुनाव के आगे मेर्केल के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में देखे जा रहे हैं. सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की बहुत सारी जानकारी तो मनोरंजन पेज से मिल जाती है, लेकिन हमें जर्मनी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपरा के बारे में और अधिक जानकारी चाहिए.
सुभाष चक्रबर्ती, नई दिल्ली
संकलनः विनोद चड्ढा
संपादनः मानसी गोपालकृष्णन