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मनमोहन भ्रष्टाचार के साम्राज्य पर बैठे हैं: बीजेपी

९ फ़रवरी २०११

एस बैंड आवंटन को लेकर विवाद सामने आने पर फिर विपक्षी बीजेपी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को घेरा है. बीजेपी का कहना है कि मनमोहन सिंह भ्रष्टाचार के साम्राज्य की अगुवाई कर रहे हैं. मांगे नौ सवालों के जवाब.

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दांव पर मनमोहन की छवितस्वीर: AP

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि एस बैंड स्पेक्ट्रम के 70 मेगाहर्ट्ज इसरो अंतरिक्ष की तरफ से देवास मल्टीमीडिया को दिए गए हैं. केंद्र सरकार पहले से ही कॉमनवेल्थ खेल घोटाले, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले, सीवीसी की नियुक्ति के विवाद और आदर्श सोसायटी घोटाले में फंसी है. बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह साफ जाहिर है कि मनमोहन सिंह भ्रष्टाचार और घोटाले के साम्राज्य की अगुवाई कर रहे हैं जिससे सरकारी पैसे की बडे़ पैमाने पर बर्बादी हो रही है. यह आजादी के बाद सबसे भ्रष्ट प्रशासन की छवि है और फिर भी प्रधानमंत्री की साफ सुधरी छवि का दावा किया जाता है."

विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बुधवार को जारी इस बयान की भी आलोचना की है कि 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन पर कोई फैसला नहीं किया गया है और इससे सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान की खबरें बेबुनियाद हैं. प्रसाद का कहना है, "इसमें इस बात से इनकार नहीं किया गया है कि समझौता हुआ. सवाल यहां नुकसान का नहीं है."

Pressesprecher der BJP Bharatiy Janta Party
प्रसाद ने किया मनमोहन पर सीधा वारतस्वीर: UNI

प्रसाद ने इस बारे में सीधे प्रधानमंत्री से सफाई मांगी है क्योंकि अंतरिक्ष विभाग उन्हीं के अधीन है. वह कहते हैं, "यहां कोई (ए) राजा या (सुरेश) कलमाड़ी नहीं है. आपने इस डील को मंजूरी दी या नहीं. देश इस मुद्दे पर बेहद नाराज है."

बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी निशाना बनाया है. उनसे इन घोटालों पर चुप्पी तोड़ने को कहा गया है. प्रसाद कहते हैं, "राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और सत्ताधारी यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी कब तक इस बारे में चुप रहेंगी. कुछ कहिए. आपकी कोई जिम्मेदारी है या नहीं. आपने कॉमनवेल्थ खेलों पर भी कुछ नहीं कहा और न ही 2 जी स्पेक्ट्रम घोटालो पर."

बीजेपी ने प्रधानमंत्री के सामने कई सवाल रखे हैं: इसरो आपके अधीन है. क्या स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए मंजूरी ली गई थी और अगर इसकी अनुमति दी गई तो उसकी शर्तें क्या थीं. साथ ही, क्या 2005 में इसरो और देवास के बीच हुए समझौते को सरकार ने मंजूर किया गया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

सपादनः ए जमाल

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