मक्का मस्जिद मामले में सभी आरोपी बरी
१६ अप्रैल २०१८इस बम धमाके में नौ लोगों की मौत और 58 घायल हुए थे. इस मामले में बीजेपी के नेता स्वामी असीमानंद मुख्य आरोपी थे. अदालत ने कहा कि एनआईए किसी भी आरोपी का दोष साबित करने में असफल रही है. वकील जेपी शर्मा ने बताया, "कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इस मामले में किसी भी आरोपी पर जुर्म साबित करने में नाकाम रहा है. इसलिए सभी आरोपियों को बरी किया जाता है."
शर्मा ने जांच एजेंसी पर लगे आरोपों को भी बेबुनियाद बताया है. एनआईए पर आरोप लग रहे हैं कि वह सरकार के दवाब में काम कर रही है. शर्मा ने इस बारे में कहा, "इस मामले से जुड़े सभी अभियुक्तों से कड़ी पूछताछ की गई, इसलिए किसी भी दवाब के बारे में कहना बेबुनियाद है."
हालांकि साल 2011 में मजिस्ट्रेट के सामने असीमानंद ने अपने बयान में कहा था कि वे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ अन्य कार्यकर्ता इस हमले में शामिल थे. लेकिन वह बाद में इस बयान से पलट गए थे. असीमानंद समझौता एक्सप्रेस समेत मालेगांव बम धमाके में भी आरोपी हैं.
साल 2011 में ही इस मामले की जांच सीबीआई से एनआईए को सौंप दी गई थी. अदालत के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर काफी गहमागहमी नजर आ रही है. वहीं बीजेपी भी कांग्रेस पर निशाना साध रही है.
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कहा, "11 साल बाद मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया. कोई भी उस ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार ही नहीं है जिसमें आठ लोग मारे गए और 58 घायल हुए. ये है इंडिया"
आम जनता भी इस मामले में प्रतिक्रिया देने से नहीं चूक रही है. एक ट्वीट में कहा गया है कि मक्का मस्जिद पर आए फैसले के बाद आसाराम बापू को भी बलात्कार मामले में शीघ्र और सही न्याय के लिए केस एनआईए के पास भेज देने का अनुरोध करना चाहिए.
एए/आईबी (डीपीए)