भारत पाक सैन्य अधिकारी अमेरिकी क्लास में जाएं
२९ जुलाई २०१०जनरल जेम्स मैटिस का मानना है कि इससे दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों का एक दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ेगा जिसकी बहुत जरूरत भी है. मैटिस कहते हैं कि कूटनीतिक कोशिशों के साथ ही ये विश्वास भी आवश्यक है. जैसा कि हम जानते हैं उन्होंने (भारत और पाकिस्तान) कई युद्ध लड़े हैं. अभी कश्मीर मुद्दा है, कई आतंकवादी हमले हैं. मैटिस ने अमेरिकी सिनेट की आर्म्ड सर्विस कमेटी के सामने कहा, "मुझे लगता है कि सबसे अहम बात जो हम कूटनीतिक कोशिशों के साथ कर सकते हैं कि इन दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों को साथ लाएं और उनमें एक दूसरे के लिए विश्वास पैदा करें. इसी तरह से चीजें बदल भी सकती हैं."
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जनरल मैटिस को अमेरिकी सेंट्रल कमांड में कमांडर बनाया है. ये कमांड अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मामलों को देखती है. भारत पैसिफिक कमांड के अंतर्गत है.
मैटिस का तर्क है कि जब वे साथ आएंगे तो एक दूसरे को जानेंगे. "जैसे कि लीवेनवर्थ के सैन्य स्कूल में कुछ दिन उन्हें अमेरिकी सिविल वॉर के बारे में पढ़ाया जाए. कुछ दिन बाद वे सैनिक अभ्यास करें. मुझे लगता है कि सैन्य अधिकारियों में विश्वास पैदा करने और विवादों को स्थिर करने की कोशिश की जाए. लेकिन कुल मिला कर ये राजनीति का विवाद है सैनिक नहीं. "
सिनेटरों के सवालों का लिखित में जवाब में मैटिस ने कहा, "पाकिस्तान को अमेरिका और भारत के बीच किसी भी सैनिक सहयोग पर चिंता है. इस कारण अमेरिका और भारत दोनों के ही संबंध पाकिस्तान से तनावपूर्ण हो जाते हैं और तो और अफगानिस्तान में अमेरिकी कोशिशों को भी धक्का पहुंचता है. मैटिस का कहना है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ-साफ बता दिया है कि भारतीय सैन्य सहयोग से उसे कोई खतरा नहीं है. अमेरिका के दोनों देशों के साथ रणनीतिक संबंध हैं लेकिन भारत-पाकिस्तान को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. "
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ए कुमार