भारत अमेरिका में 10 अरब डॉलर के सौदे
६ नवम्बर २०१०दोनों देशों के रिश्तों को 21वीं सदी की सबसे मजबूत साझेदारी बनने का यकीन जताते हुए बराक ओबामा ने भारत से कारोबार की बाधाओं को खत्म करने की मांग की और खुद अपने देश में भी ऐसा ही करने का भरोसा दिया. ओबामा ने कहा, "भारत को अमेरिका का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार बनने से रोकने की कोई वजह नहीं हो सकती, मै बिल्कुल यकीन से कह सकता हूं कि दोनों देशों के रिश्ते 21वीं सदी की दिशा तय करेंगे."
भारत यात्रा के पहले दिन मुंबई में अमेरिका भारत व्यापार परिषद यूएसआईबीसी की बैठक में ओबामा ने ये बात कही. फिलहाल भारत कारोबार के लिहाज से अमेरिका का 12वां सबसे बड़ा साझीदार है.
ओबामा ने बताया कि उनके आने से पहले ही दोनों देशों के बीच कई बड़े करार हो चुके हैं. नए करारों का एलान करते हुए ओबामा ने कहा, "बोइंग भारत को ढेर सारे विमान बेचने जा रहा है और जेनरल इलेक्ट्रिकल्स सैकड़ों इलेक्ट्रिक इंजन बेचने की तैयारी में है. ये सौदे 10 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के हैं और इनसे अमेरिका में 50 हजार नौकरियां पैदा होंगी."
यूएसआईबीसी के सम्मेलन में ओबामा के भाषण से ठीक पहले रिलायंस पावर ने 2400 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए जीई से इंजन खरीदने का एलान किया. उधर सस्ती उड़ान सेवा देने वाली कंपनी स्पाइसजेट ने भी अमेरिका की विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के साथ 33 नए विमान खरीदने के सौदे का एलान किया है.
इस मौके पर ओबामा ने कहा कि भविष्य में भारत सबसे बड़ा बाजार होगा और अमेरिका इसमें बड़े पैमाने पर निवेश करना चाहता है. अगर कारोबार से जुड़ी बाधाएं खत्म की तो दोनों देशों को फायदा होगा. भारत के लिए अगर निर्यात के नियमों में छूट दी जाती है तो इसरो और डीआरडीओ को तकनीक खरीदने और बेचने में सुविधा होगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः महेश झा