बीजेपी नेता को भारी पड़ी मायावती से अभद्रता
२० जुलाई २०१६विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने अभद्र टिप्पणी पर रोष जताया और कहा कि बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस के चाहे जितने भी राजनैतिक मतभेद हों, चार बार मुख्यमंत्री रही, राजनीतिक दल की अध्यक्ष एक महिला के खिलाफ ऐसी टिप्पणी उन्हें बर्दाश्त नहीं है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए आजाद ने कहा कि इस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और "ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए किसी भी दल या दफ्तर में कोई जगह नहीं होनी चाहिए."
बीजेपी नेता जेटली ने इस प्रकरण पर कहा, "यह सही नहीं है और मैं ऐसे शब्दों के इस्तेमाल की निंदा करता हूं. मैं अपना सम्मान भी आपके साथ जोड़कर देखता हूं, और मैं आपके साथ हूं."
मायावती ने उत्तर देते हुए कहा. "मैंने कभी शादी नहीं की और पूरे देश के दलितों को अपना परिवार माना. मैंने हमेशा अपने मेंटर कांशी राम की सलाह मान कर उद्योगपतियों के बजाए वंचित वर्ग से डोनेशन स्वीकार किया." बीएसपी सुप्रीमों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी को मिलते भारी समर्थन के कारण बीजेपी बौखला गई दिखती है. मायावती ने जेटली का आभार जताते हुए ये चेतावनी भी दे डाली, कि अगर उनके समर्थक इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर आ जाएं तो इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं होगीं.
यह विवाद तब खड़ा हुआ जब विपक्ष सरकार को गुजरात में दलित युवाओं को पीटे जाने की घटना पर घेरने का प्रयास कर रही थी. विपक्ष चाहता था कि सदन एकमत से उस घटना की निंदा का प्रस्ताव पारित करे.
इस विवाद से परेशान बीजेपी ने उत्तर प्रदेश राज्य में उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को सभी पार्टी पदों से हटा दिया. और साफ किया कि "ऐसी भाषा की उनकी पार्टी में कोई जगह नहीं है." राज्य में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी बीजेपी दलित वर्ग को अपनी ओर खींचना चाहती है. पारंपरिक रूप से मायावती के बीएसपी का समर्थन करने वाला यह वर्ग राज्य चुनावों में महत्वपूर्ण माना जाता है. अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले नेता सिंह ने अपनी गलती की माफी मांगते हुए कहा कि गलती से उनकी "जीभ फिसल" गई.