बापू ने बनाई ओबामा की जिंदगी
३ अक्टूबर २०१०अमेरिका के पहले काले राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बापू और मार्टिन लूथर किंग की आत्मकथा पढ़कर अपने जीवन की रूपरेखा तैयार की है. राष्ट्रपति के उप सचिव रॉबर्ट ब्लैक ने ये बातें कैर्लिफोनिया के सैन डिएगो यूनिवर्सिटी में 27वें सालाना महात्मा गांधी मेमोरियल लेक्चर के मौके पर कहीं. ब्लैक के मुताबिक, अहिंसा के जरिए सामाजिक न्याय की बातों ने ओबामा पर गहरा असर किया है.
राष्ट्रपति के दफ्तर ओवल ऑफिस की नई साजसज्जा में किंग के दिए उस गुरुमंत्र को भी शामिल किया है जिसमें मार्टिन ने कहा था," नैतिक दुनिया का रास्ता लंबा तो है मगर ये इंसाफ की ओर झुका होता है." ब्लैक ने कहा कि इन्हीं रास्तों पर चलने का इरादा राष्ट्रपति ओबामा का भी है. महात्मा गांधी के बताए रास्तों पर चल कर ओबामा भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं.
ब्लैक ने कहा," हम लोकतांत्रिक देश हैं. हमारा देश बहुलतावादी और संयमित है जो उम्मीदों और ज्ञान से भरी अर्थव्यवस्था से चलता है." ब्लैक ने कहा कि गांधी जी की शिक्षा दुनिया के लिए हमेशा जरूरी बनी रहेगी." बापू ने अपना जीवन शांतिपूर्ण तरीके से सभी भारतीयों को सशक्त बनाने में कुर्बान कर दिया, उन्होंने लोगों में उम्मीद जगाई और भविष्य के नेताओं के लिए एक बढ़िया रास्ता बनाकर दे दिया.
पिछले साल अमेरिका ने मार्टिन लूथर किंग की भारत यात्रा की 50वीं सालगिरह मनाई थी. ब्लैक का कहना है कि किंग ने अपनी आत्मकथा में बापू का जिक्र करते हुए लिखा है कि अहिंसा के जरिए बदलाव लाने के काम में महात्मा गांधी की शिक्षा बहुत काम आई. अमेरिका में नागरिक अधिकारों के आंदोलन महात्मा गांधी के बताए रास्तों पर चलकर ही सफल हुए. राष्ट्रपति ओबामा भी इन्हीं राहों को चुनकर दुनिया में शांति कायम करना चाहते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम