फुटबॉल "मेड इन जर्मनी"
फुटबॉल जर्मनी का सबसे लोकप्रिय खेल है. साल दर साल जर्मनी में कहां से आते हैं नए नए प्रतिभाशाली फुटबॉल खिलाड़ी. जानिए इन्हें तलाशने और तराशने वाले पूरे तंत्र के बारे में.
क्लबों में होते हैं पैदा
जर्मनी में युवाओं के विकास में देश भर के 54 युवा प्रतिभा केंद्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 2002 से ऐसे सभी पेशेवर क्लबों में युवा खिलाड़ियों के लिए पढ़ाई का भी एक न्यूनतम स्तर होना अनिवार्य कर दिया गया. पहले और दूसरे दर्जे के जर्मन क्लब हर साल करीब 13 करोड़ यूरो (करीब 10 अरब रूपये) इस खेल की सुविधाओं पर खर्च करते हैं.
बेहद सख्त ट्रेनिंग
कार्ल मेंटनर (बीच में) पर जब से जर्मन फुटबॉल संघ डीएफबी की नजर पड़ी, उसे अपने विकास कार्यक्रम में शामिल कर लिया. डेवेलपमेंट प्रोग्राम का हिस्सा बनते ही इस 12 साल के बच्चे का पूरा जीवन ही बदल गया. हफ्ते में कम से कम चार बार उसे खेल का अभ्यास करना होता है और हर वीकएंड प्रतिस्पर्धी खेलों में हिस्सा लेना होता है.
हर किसी पर पूरा ध्यान
डीएफबी ने 2002 में एक व्यापक प्रतिभा-विकास कार्यक्रम लागू किया, जिससे कोई भी प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी नजरअंदाज ना हो. इसके लिए देश भर में करीब 1,300 कोच नियुक्त किए गए, जिनका काम 11 से 15 साल की उम्र के बच्चों को तलाशना और ट्रेनिंग देना है. देश भर में 366 परफॉर्मेंस सेंटर हैं जहां से निकलने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनते हैं.
'टैलेंट डेवेलपमेंट प्रोग्राम'
साल 2002 की गर्मियों में इस विस्तृत कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसके कुछ ही महीने पहले विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में जर्मनी को ब्राजील की टीम ने हार का मुंह दिखाया था. इस प्रोग्राम के साथ खेल प्रतिभाओं को शुरु से ही पहचानने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर खेलने लायक ट्रेनिंग और सुविधाएं देने की शुरुआत हुई.
कोई एक केंद्र नहीं
जर्मन फुटबॉल संघ का कोई राष्ट्रीय परफॉर्मेंस सेंटर नहीं है. इंग्लैंड में सेंट जॉर्ज पार्क, इटली में कोवर्सियानो, फ्रांस में क्लेयरफॉन्टेन, नीदरलैंड्स में साइस्ट और स्पेन में सिउदाद डेल फुटबॉल सभी देशों के अपने अपने राष्ट्रीय मुख्यालय और राष्ट्रीय टीमें हैं. जर्मनी 2017 में अपना राष्ट्रीय केंद्र फ्रैंकफर्ट में बनाना शुरु करेगा.
सहायक से निदेशक की भूमिका में
जर्मनी की राष्ट्रीय टीम में रहे फुटबॉलर हंस-डीटर फ्लिक 2014 से डीएफबी के खेल निदेशक हैं और युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए जिम्मेदार हैं. इसके पहले करीब आठ सालों तक उन्होंने जर्मनी की राष्ट्रीय टीम के कोच योआखिम लोएव के प्रमुख सहायक के रूप में काम किया.
जर्मनी नहीं स्पेन है टॉप
युवा प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए जर्मनी को अभी बहुत कुछ करना है. अगर अंडर 17, अंडर 19 और अंडर 21 यूरोपीय चैंपियनशिप प्रतियोगिताओं के नतीजे देखें, तो स्पेन टॉप पर है. जहां जर्मनी ने इनमें से चार टाइटल जीते, तो वहीं स्पेन ने नौ. जर्मनी ने इस श्रेणी में अपनी अंतिम जीत हंगरी में हुई 2014 की अंडर 19 चैंपियनशिप में हासिल की थी.