पोप से आम ईसाई का सफर
२८ फ़रवरी २०१३अपने आखिरी संबोधन में वैटिकन सिटी में पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने बाजू तक का लाल केप (लबादा) पहन रखा था, जो खास मौकों पर पहना जाता है. आखिरी बार पोप के तौर पर लोगों का संबोधन करते हुए उन्होंने इस बात को साफ करने की कोशिश की कि नए पोप के साथ उनका कोई तनाव नहीं होगा.
उन्होंने उन कार्डिनलों को भी विशेष निर्देश दिए, जिनका काम अब अगले पोप का चुनाव करना है. सवा अरब आबादी वाले कैथोलिक ईसाई धर्म में अब तक 265 पोप हो चुके हैं. पोप ने कहा कि कार्डिनलों को मिल जुल कर काम करना होगा. पोप के इस बयान का लंबा मतलब निकाला जा रहा है, क्योंकि हाल ही में वैटिकन से कई दस्तावेज लीक हुए हैं और चर्चा वैटिकन के अंदर भ्रष्टाचार की भी होने लगी है.
पोप एक एक कर कार्डिनल को अलविदा कह रहे थे और आखिरी मौके पर कार्डिनल पोप की अंगुली में पहनी खास अंगूठी को चूमते जा रहे थे. कुछ लोग जरूर भावुक भी हो उठे लेकिन ज्यादातर कार्डिनल सामान्य थे और अपनी बारी आने तक आराम से बातचीत करते हुए इंतजार करते रहे.
बेनेडिक्ट ने कहा कि वह कार्डिनल के लिए प्रार्थना करेंगे क्योंकि आने वाले दिनों में उन्हें चर्च की चुनौतियों और इसकी जिम्मेदारियों के लिए बहुत कुछ करना है. कार्डिनल का अगला काम गुप्त रूप से नए पोप का चुनाव करना है. बेनेडिक्ट ने कहा, "आप ही लोगों में अगला पोप भी है. मैं आज वादा कर रहा हूं कि उन्हें मेरा पूरा समर्थन होगा और मैं उनकी आज्ञा का पालन करूंगा."
रिटायरमेंट के विशाल फैसले से पोप बेनेडिक्ट ने अपने लिए ऊंचा दर्जा हासिल कर लिया है और अगले पोप के लिए इस लकीर के आस पास पहुंचना आसान नहीं होगा. हालांकि बेनेडिक्ट 16वें ने इन चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि रिटायर होने के बाद वह छिपी हुई जिंदगी बिताएंगे और अपने जीवन को प्रार्थना में समर्पित कर देंगे.
गुरुवार को मौजूदा पोप का कार्यकाल खत्म होने के बाद सोमवार से कार्डिनल नए पोप के चुनाव का काम शुरू करेंगे.
एजेए/आईबी (एपी, एएफपी)