पाकिस्तान में बाढ़ के बाद भुखमरी
१५ अगस्त २०१०कोहिस्तान जिले में भूखमरी के मामले सामने आए हैं. राहत सामग्री और खाने की किल्लत की वजह से जिले में पांच मौतें हो चुकी है. एक स्थानीय नेता अब्दुल सत्तार खान ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से कहा, ''भूखमरी की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. काराकोरम हाइवे और दूसरी सड़कें अब भी बंद हैं. संपर्क कटने की वजह से बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है.'' स्थानीय लोगों ने सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की मदद में नाकाम रहने का आरोप लगाया है.
इस बीच रविवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून पाकिस्तान पहुंचे. इस्लामाबाद पहुंचते ही मून ने कहा, ''पाकिस्तान के लोगों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहारे की जरूरत है.'' संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अपने इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा झेल रहे पाकिस्तान को अब भी 46 करोड़ डॉलर की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई करने में पाकिस्तान को कई साल का वक्त लगेगा. स्कूल, सड़कें, अस्पताल बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं या ढह चुके हैं. पंजाब प्रांत और उत्तर पश्चिमी इलाके में अब भी सिर्फ मटमैला पानी दिखाई पड़ रहा है. मून ने कहा कि पाकिस्तान को फौरी मदद के अलावा भविष्य में भी अरबों डॉलर की सहायता की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, ''हम पाकिस्तान की सहायता के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ज़रूरत के वक्त पाकिस्तान के साथ पूरी दुनिया खड़ी है.''
पाकिस्तान की बाढ़ में अब तक 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ के बाद अब महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है. बाढ़ में मारे गए पशुओं के शव अब भी पानी में तैर रहे हैं. इससे सड़न पैदा हो रही है. बारिश बंद होने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों का तापमान तेजी से ऊपर जा रहा है, जिससे हालात और दुश्वार बनते जा रहे हैं. बाढ़ की मार दो करोड़ लोगों पर पड़ी है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा