पाकिस्तान का असल चेहरा उजागरः सिंह
२१ नवम्बर २०१०भारतीय सेना प्रमुख वीके सिंह ने कहा, "पाकिस्तान ने करगिल युद्ध में अपने 453 सैनिकों के मारे जाने की बात मान ली है. इससे दुनिया के सामने उसका असली चेहरा उजागर हो गया है. पाकिस्तान अब तक करगिल संघर्ष में अपनी सेना की भूमिका से इनकार करता रहा है, ताकि अपनी महागलतियों को दुनिया से छुपा सके."
जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसी संभावना हो सकती है कि आज भी पाकिस्तानी सैनिक आतंकवादियों के साथ मिल कर कश्मीर में लड़ रहे हों, तो जनरल सिंह ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि फिलहाल बिना ठोस सबूतों के ऐसा दावा भी नहीं किया जा सकता.
रणनीतिक रूप से अहम करगिल के पहाड़ी इलाके में हुए संघर्ष के 11 साल बाद पाकिस्तान ने एक तरह से इसमें अपनी भूमिका को मान लिया है. हाल ही में पाकिस्तानी सेना की वेबसाइट पर पहली बार उन 453 सैनिकों और अधिकारियों के नाम जारी किए गए हैं जिन्हें जम्मू कश्मीर के करगिल बटालिक सेक्टर में मारा गया बताया गया है. दिलचस्प बात यह है कि बेवसाइट पर दी गई शहीदों की सूची में करगिल में मारे गए सैनिकों को इस तरह शामिल किया गया है कि ज्यादा पता न चले.
इस बेहद लंबी सूची के पहले पन्ने में कप्तान कर्नल शेर और हवलदार ललक जान के नाम शामिल हैं जो कारगिल में 7 जुलाई 1999 को मारे गए. उन्हें बाद में पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैनिक सम्मान निशान-ए-हैदर भी दिया गया. कई और सैनिकों को मरणोपरांत तमगा-ए-जुर्रत पदक दिया गया.
करगिल युद्ध में मारे गए ज्यादातर पाकिस्तानी सैनिक नॉर्दन लाइट इंफेंट्री के थे. करगिल में पाकिस्तानी सैनिकों की मौत को कई नाम दिए गए हैं जैसे कार्रवाई में मारे गए, दुश्मन की कार्रवाई, दुश्मन की गोलाबारी यहां तक सड़क दुर्घटनाओं का भी हवाला दिया गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः प्रिया एसेलबोर्न