परिवार की वजह से पीछे रह जा रही हैं जर्मनी की औरतें
२३ फ़रवरी २०२२जर्मनी की औरतों ने पढ़ाई, कमाई और समानता हासिल करने की दिशा में हाल के वर्षों में काफी प्रगति की है लेकिन पुरुषों से तुलना करें तो कई मामलों में गैरबराबरी अब भी काफी बड़ी है. बुधवार को प्रकाशित एक स्टडी के नतीजे तो यही बताते हैं.
रिटायर होने के बाद आर्थिक सुरक्षा का मामला हो या फिर नेतृत्व करने की जगहों पर उनकी मौजूदगी की बात, महिलाओं की स्थिति इन मामलों में अच्छी नहीं है. हांस बोएकलर फाउंडेशन के इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च यानी डब्ल्यूएसआई के अध्ययन में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है. यह संस्थान व्यापार संघों के साथ मिल कर काम करता है.
पढा़ई और रोजगार में आगे हैं महिलाएं
पढ़ाई और पेशेवर योग्यता के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है. 2019 में 41 फीसदी महिलाओं और 39 फीसदी पुरुषों ने हाई स्कूल तक की पढ़ाई की या फिर उनके पास टेक्निकल कॉलेज में जाने की योग्यता थी.
2020 में कामगारों के बीच महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से महज 7 फीसदी ही कम है. जर्मनी की 15 से लेकर 65 साल की उम्र वाली 72 फीसदी महिलाएं नौकरी में हैं. जबकि पुरुषों के लिए यह आंकड़ा 79 प्रतिशत है. 1990 के दशक की शुरुआत में महिलाओं के लिए रोजगार की दर महज 57 फीसदी थी और पुरुषों के लिए 78 प्रतिशत. बीते सालों में इतनी प्रगति के बावजूद शीर्ष स्तर की नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी पुरुषों की तुलना में बेहद कम है.
शीर्ष पदों पर कम औरतें
2020 में बोर्ड स्तर के पदों पर जर्मनी की 160 बड़ी कंपनियों में महज 11 फीसदी महिलाएं ही काम कर रही थी. नई रिसर्च में महिलाओं की कमाई में कमी की ओर भी ध्यान दिलाया गया है. डब्ल्यूएसआई के मुताबिक प्रति घंटे महिलाओं का वेतन हाल के वर्षों में 18.62 यूरो रहा है. यह पुरुषों के मुकाबले करीब 4.16 यूरो यानी 18.3 फीसदी कम है.
इसकी सबसे बड़ी वजह है कि महिलाएं परिवार और नौकरी के बीच तालमेल बिठाने के चक्कर में पार्ट टाइम काम ही कर पाती हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाएं चार गुना ज्यादा पार्ट टाइम नौकरी करती हैं. जर्मनी में तो कामकाजी मांओं में से 60 फीसदी महिलाएं सिर्फ पार्ट टाइम नौकरी ही कर रही हैं. साफ है कि परिवार का ख्याल रखने या फिर बच्चों को पालने के लिए महिलाएं अपना करियर कुर्बान कर रही हैं .
पुरुष और महिला के वेतन में अंतर तेजी से खत्म हो रहा है लेकिन औसत रूप से महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले रिटायर होने के बाद मिलने वाली पेंशन 49 प्रतिशत कम मिलती है.
हाल के वर्षों में निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं की मौजूदगी को लेकर चली आ रही असमानता को दूर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. हालांकि परिवार की जिम्मेदारी और बच्चों की पैदाइश का उनके करियर पर पड़ने वाला प्रभाव इन कदमों का असर कम कर देता है.
एनआर/आरपी (डीपीए)