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आतंकवाद

नॉर्वे की मस्जिद पर हमला करने वाले को थी आप्रवासियों से नफरत

१२ अगस्त २०१९

नॉर्वे की पुलिस राजधानी ऑस्लो की एक मस्जिद में बंदूकधारी के हमले को आतंक की कार्रवाई मानते हुए जांच कर रही है. हमलावर एक युवा नॉर्वेजियन है जिसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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Norwegen Baerum | Premierministerin Erna Solberg und Mohamed Rafiq
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Pedersen

पुलिस की हिरासत में रखा गया हमलावर अब तक पुलिस के सवालों का कोई भी जवाब नहीं दे रहा है. रविवार को मीडिया को हमलावर और मामले की जांच के बारे में बताते हुए ऑस्लो पुलिस डिस्ट्रिक के सहायक प्रमुख ग्रेटे लिएन मेटलीड ने बताया, "वह अब भी कोई सफाई नहीं देना चाहता." आरोपी की उम्र 20 साल से कुछ ऊपर बताई जा रही है और उस पर ऑस्लो के पश्चिम में स्थित अल-नूर इस्लामिक सेंटर मस्जिद में शनिवार को गोलीबारी करने के आरोप हैं.

पुलिस बता चुकी है कि संदिग्ध व्यक्ति पहले ही अतिवादी दक्षिणपंथी विचार व्यक्त कर चुका है. मेटलीड ने बताया कि उसकी सभी ऑनलाइन गतिविधियों की जांच की जा रही है और उसकी पृष्ठभूमि का भी गहराई से पता किया जा रहा है. उस पर मस्जिद पर हमले से जुड़े मामले में हत्या की कोशिश का आरोप तय हुआ है. उसने कई गोलियां चलाईं लेकिन संयोगवश वहां मौजूद कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ. पुलिस ने अब तक इस बारे में नहीं बताया है कि उसने कैसे हथियार का इस्तेमाल किया या फिर उसे हथियार मिला कैसे.

स्थानीय कानून का पालन करते हुए पुलिस ने आरोपी का नाम उजागर नहीं किया है. पुलिस ने बताया कि उस पर अपनी 17 साल की सौतेली बहन की हत्या करने का भी आरोप है. आरोपी के घर से शनिवार को पीड़िता की लाश बरामद हुई थी. रविवार को आरोपी अपने वकील से मिला लेकिन ये खुलासा नहीं हुआ कि वह अदालत में क्या पक्ष रखने वाला है.

Norwegen nach der Schießerei in einer Moschee in Oslo
अल-नूर इस्लामिक सेंटर के बाहर स्थानीय लोगों के समर्थन में निकाली रैली.तस्वीर: Reuters/NTB/F. Hagen

ऑस्लो पुलिस की ओर से बयान देते हुए एक अधिकारी ने बताया था कि आरोपी नॉर्वे के एक राजनेता विडकुन क्विसलिंग का समर्थक है. क्विसलिंग उस पार्टी से आते हैं जिसने दूसरे विश्व युद्ध के समय कब्जा करने वाली जर्मन सेना का साथ दिया था और आप्रवासी विरोधी विचार रखता है. नॉर्वे के मीडिया में बताया गया है कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर हमले के कुछ ही घंटे पहले ऐसे संदेश पोस्ट किए थे जिनमें उसने मार्च में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हुए हमले और सामूहिक हत्याओं की प्रशंसा की थी. उसने कथित तौर पर हाल ही में अमेरिका के अल पासो हमले के हमलावर के प्रति भी समर्थन जताया था. पुलिस अदालत की सुनवाई में उसे कम से कम चार हफ्तों के लिए हिरासत में रखने की मांग करने वाली है. इसके अलावा आगे चल कर पुलिस आरोपी के किसी मनोरोग से ग्रस्त होने की जांच भी करवाना चाहती है. पुलिस ने बताया है कि फिलहाल तो आरोपी पर हत्या की कोशिश और हत्या का मामला तय हुआ है लेकिन आगे चल कर इसमें आतंकवाद भी जोड़ा जा सकता है.

नॉर्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग ने घटनास्थल के पास मौजूद होटल का दौरा किया और कहा, "यहां जो हुआ वैसा नॉर्वे में नहीं होना चाहिए था. नॉर्वे को एक सुरक्षित जगह होना चाहिए." बाद में सोलबर्ग और उनकी कैबिनेट के कुछ अन्य सदस्यों ने ऑस्लो की ही एक और मस्जिद का भी दौरा किया. प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि कई नॉर्वेवासियों ने देश की कई मस्जिदों तक रैलियां निकाल कर देश के मुसलमानों के प्रति समर्थन जताया. सोलबर्ग ने दोहराया कि उनकी सरकार मुसलमानों और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

आरपी/एनआर (डीपीए, एपी)

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