नेपाल के प्रधानमंत्री का इस्तीफा
१ जुलाई २०१०57 साल के माधव कुमार नेपाल ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वह उम्मीद करते हैं कि इस फैसले के साथ देश में शांति प्रक्रिया को बढावा मिलेगा, नया संविधान तैयार किया जा सकेगा और सभी राजनैतिक पार्टियां मिलकर बात करते हुए आगे बड़ सकेंगे. माधव कुमार नेपाल की लंबे समय से माओवादियों की तरफ से आलोचना की जा रही थी. 2006 में गृहयुद्ध के अंत के बाद उम्मीद जताई गई थी कि देश में स्थिरता वापस आ सकेगी. 26 जून 2008 को गिरिजा प्रसाद कोईराला ने प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा दिया था. 15 अगस्त 2008 को माओवादी नेता पु्ष्प कमल दहल देश के प्रधानमंत्री बने. लेकिन उन्होंने भी मई 2009 में अपना इस्तीफा दे दिया. माधव कुमार नेपाल की गठबंधन सरकार में माओवादियों को शामिल नहीं किया गया. लेकिन दूसरी राजनैतिक पार्टियां देश के लिए सही रास्ते पर सहमत नहीं हो पाईं.
करीब 13,000 से भी ज़्यादा लोग 1996 से 2006 तक चलने वाले गृहयुद्ध के शिकार बने थे. 2008 में हुए चुनावों के साथ राजतंत्र भी खत्म हो गया था और माओवादी चुनावों में जीते थे. लेकिन सभी देश में स्थिरता की उम्मीदें कुछ ही समय बाद ख़त्म हो गई. इस साल मई तक नया संविधान तैयार करना था जो नहीं हो पाया है. यह भी एक बहुत बड़ा सवाल है कि किस तरह से पूर्व माओवादी लड़ाकों को सेना में शामिल किया जाए. इसके अलावा देश के भीतर शरणार्थियों की किस्मत पर भी कोई प्रगति नहीं हो पाई है.
ऐसा लगता है कि माधव कुमार नेपाल कुछ समय के लिए कार्यवाही प्रधानमंत्री के रूप में देश को चलाएंगे जब तक उनके बदले एक नया प्रधानमंत्री नही चुना जाता है.
रिपोर्ट- प्रिया ऐसेलबॉर्न
संपादन- उज्जवल भट्टाचार्य