आखिरकार फंस गया फीफा
२८ मई २०१५दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल पर एक बार फिर भ्रष्टाचार के बड़े आरोपों का साया है. फीफा के कई वरिष्ठ अधिकारियों को अमेरिकी अधिकारियों के कहने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत स्विट्जरलैंड में हिरासत में ले लिया गया और वहां से प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया चल रही है. जांचकर्ताओं ने बताया है कि अगले दो विश्व कपों के मेजबान चुनने में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इनके खिलाफ आपराधिक जांच की जा रही है.
"धोखेबाजी का विश्व कप"
गिरफ्तारियों की खबर दुनिया भर के अखबारों में सुर्खियां बनी और अमेरिकी जांचकर्ताओं ने इस पूरे प्रकरण को "धोखेबाजी का विश्व कप" बताया है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि 15 करोड़ डॉलर से भी अधिक की रिश्वत के आरोप सिद्ध होने पर इसमें लिप्त 14 लोगों को 20 साल तक की जेल हो सकती है. इन 14 में से 9 फुटबॉल अधिकारी हैं. अमेरिकी जांचकर्ताओं ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने 2010 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी पाने के लिए 1 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी थी. इसके अलावा स्विस अधिकारियों ने फीफा के ज्यूरिष स्थित मुख्यालय पर 2018 में रूस और 2022 में कतर को विश्व कप की मेजबानी देने से जुड़े भ्रष्टाचार के सबूतों के लिए छापा मारा.
प्रायोजकों का दबाव
फीफा के मुखिया ब्लाटर ने कहा है कि उनका दृढ निश्चय है कि वह "फुटबॉल से हर तरह की गड़बड़ियों को उखाड़ फेंकेंगे." यह बयान उन्होंने अपनी संस्था के सात बड़े अधिकारियों की भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद दिया. इसके बाद से ही ब्लाटर को पद से हटने की मांगें उठ रही हैं. पद छोड़ने की मांग करने वालों में कई देशों के नेताओं के अलावा उनकी संस्था की कई प्रायोजक कंपनियां भी हैं. फीफा विश्व कप के खेलों में अरबों की राशि लगाने वाले कोका कोला, एडीडास, मैकडॉनल्ड्स और वीजा जैसे कई प्रमुख प्रायोजकों ने स्विट्जरलैंड में शुरु हुई फीफा कांग्रेस में संस्था को दुरूस्त करने का दबाव बनाया. वीजा ने कहा कि यदि फीफा फिर से एक ऐसा कॉर्पोरेट कल्चर नहीं बनाता जिसके केन्द्र में "मजबूत नैतिक प्रथाएं" हों, तो "हमने उन्हें बता दिया है कि हम स्पॉन्सरशिप के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे."
पांचवी बार ब्लाटर?
ब्लाटर को उनके पद से हटाने की कोशिश कर रहे यूरोपीय फेडरेशन ने शुक्रवार को होने वाले नए अध्यक्ष के चुनाव को कम से कम 6 महीने के लिए स्थगित करने की मांग की है. फ्रांस के विदेश मंत्री लौरां फाबिउस ने भी कहा है कि शुक्रवार के चुनावों को टालना ही सही होगा. ब्लाटर अब तक फीफा प्रमुख के तौर पर चार बार चुने जा चुके हैं और एशिया, अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिकी फुटबॉल संघों के समर्थन के कारण पांचवी बार भी आसानी से चुने जाने की उम्मीद जताई जा रही है. ब्लाटर की जगह लेने के एक प्रमुख दावेदार के रूप में जॉर्डन के प्रिंस अली बिन अल हुसैन का नाम आ रहा है. प्रिंस हुसैन ने कहा है कि विश्व भर के फुटबॉल प्रशंसकों का भरोसा बहाल करने के लिए फीफा नेतृत्व में बदलाव बेहद जरूरी है.
आरआर/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)