तैयार हो जाइए 2020 का सबसे बड़ा सुपरमून देखने के लिए
७ अप्रैल २०२०7 और 8 अप्रैल की रात को दिखने वाला चंद्रमा कुछ अलग ही होगा. साल 2020 में धरती पर कहीं से भी इससे बड़ा और चमकीला चांद नहीं दिखेगा. यह इस साल की दूसरी सुपरमून घटना होगी. पूरे साल में छह सुपरमून दिखने हैं. सुपरमून एक ऐसी खगोलीय घटना होती है जिसमें पूर्णिमा की रात चंद्रमा धरती की कक्षा में सबसे पास के क्षेत्र में होता है. पास होने का कारण पूर्णिमा का यह चांद करीब 7 फीसदी अधिक बड़ा और 15 फीसदी ज्यादा चमकदार दिखता है. कक्षा में परिक्रमा करते हुए चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 3,56,400 से लेकर 4,06,700 किलोमीटर के बीच तक होती है.
7 अप्रैल को सूर्यास्त के समय पूर्व में उदय होने वाला पूर्णिमा का चंद्रमा धरती से केवल 3,57,042 किलोमीटर की दूरी पर होगा. इस साल के अन्य फुल मून सुपरमून 7 मई, 17 सितंबर, 16 अक्टूबर और 15 नवंबर को दिखेंगे लेकिन वे सब इससे छोटे दिखेंगे.
असल में पूर्णिमा तो हर 29-30 दिन पर होती है लेकिन ऐसा खगोलीय संयोग साल में गिने चुने बार ही बनता है जब पूर्णिमा की रात चंद्रमा धरती की कक्षा में घूमते हुए उसके इतने पास आता हो. इस कॉस्मिक कॉम्बो को वैज्ञानिक सुपरमून की संज्ञा देते हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सभी लोगों को आकाश की ओर देखने और इस खगोलीय घटना का साक्षी बनने की सलाह दी है. कोविड संकट के दौर में अपने अपने घरों में लॉकडाउन का पालन कर रहे लोग भी खिड़की, बालकनी या छतों से इसे देखने का आनंद ले सकते हैं.
मैरीलैंड में स्थित नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक नोआ पेट्रो ने कहा है कि महामारी के इस समय में चंद्रमा को देखते समय भी सुरक्षा का ख्याल रखना जरूरी है. उनकी सलाह है, "फिजिकल डिस्टेंसिंग के इस दौर में इस मौके का इस्तेमाल अपने से इतनी दूर मौजूद एक चीज के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ने के लिए किया जा सकता है.”
आरपी/ओएसजे (एपी)
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