तुर्की पुलिस की बर्बरता से मैर्केल भयभीत
१८ जून २०१३मैर्केल ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ असाधारण रूप से कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा, "बहुत भयानक तस्वीरें थीं, जिनमें देखा जा सकता था कि मेरी नजर से बहुत ही सख्त तरीके से पेश आया गया." तुर्की की सरकार पर इस आलोचना का कोई असर नहीं पड़ा है और उसने आंदोलनकारियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई में और सख्ती लाने की धमकी है. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना तैनात करने की धमकी दी गई है.
चांसलर मैर्केल ने तुर्की में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, "वे प्रदर्शन की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे नजरिये" के अनुकूल नहीं थे, "मैं तो भयभीत हूं." चांसलर ने तुर्की की यूरोपीय संघ में सदस्यता पर इसके असर से संबंधित सवाल को नजरअंदाज कर दिया लेकिन सत्तारूढ़ मोर्चे की पार्टी सीएसयू के प्रमुख हॉर्स्ट जेहोफर ने तुर्की को सदस्यता के अयोग्य बताया.
तुर्की में पुलिस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना के विपरीत तुर्की के उप प्रधानमंत्री बुलेंट आरिंच ने कहा है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करेगी. उन्होनें धमकी दी है, "यदि यह पर्याप्त नहीं होगा तो शहरों में सेना को भी तैनात किया जा सकता है." इस धमकी के साथ उन्होंने देश के दोनों बड़े ट्रेड यूनियनों को भी सख्ती दिखाने का संकेत दिया है. उन्होंने देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत के बाद से दूसरी बार आम हड़ताल का आह्वान किया है, जिसे गृहमंत्री मुअम्मर गुलर ने अवैध कार्रवाई बताया है, जिसकी सुरक्षा बल अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने इंटरनेट कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों को सख्ती की धमकी दी है.
इन धमकियों के बावजूद हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस्तांबुल के तकसिम स्क्वेयर पर रैली निकालने की बात कही है. सुरक्षाबलों ने शनिवार को तकसिम स्क्वेयर और पड़ोस के गेजी पार्क को आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर खाली करा दिया था. सरकार विरोधी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पानी में रसायन मिलाकर तेज धार फेंकी गई और इस पुलिस कार्रवाई में सैकड़ों लोग घायल हुए. एर्दोआन की इस्लामी पार्टी की सरकार के खिलाफ दो हफ्ते के प्रदर्शनों के बाद राजनीतिक खाई खतरनाक रूप से गहरी हो गई है. ´ विरोध के आयाम ने सबको आश्चर्य में डाल दिया है. खासकर बड़े शहरों के युवा प्रदर्शनकारी व्यक्तिगत आजादी की माग कर रहे हैं और अनुदारवादी धार्मिक सरकार के बढ़ते नियंत्रण का विरोध कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री रेचेप तय्यप एर्दोआन ने अपनी कठोर नीति को जारी रखने पर जोर दिया है. इस्तांबुल में करीब एक लाख समर्थकों को संबोधित करते हुए एर्दोआन ने तकसिम स्क्वैयर और गेजी पार्क को साफ करने की बात कही. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर "आतंकवादियों" की मदद करने का आरोप लगाया और यूरोपीय संसद की आलोचना की और कहा कि उसकी आलोचना ने सीमा लांघ दी है. इस्तांबुल और अंकारा में रविवार रात भी पुलिस और युवा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं. स्थानीय बार एसोशिएसन के अनुसार 600 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
टुडेज जमान अखबार के कराए एक सर्वेक्षण के अनुसार एर्दोआन के रवैये को तुर्की के नागरिक बढ़ते पैमाने पर दमनकारी बता रहे हैं. हर दूसरा नागरिक 2002 से शासन कर रहे एर्दोआन के बढ़ते निरंकुश रुख की बात कर रहा है. यदि रविवार को चुनाव होते हैं तो एर्दोआन की पार्टी को सिर्फ 35 प्रतिशत मत मिलेंगे.
तुर्की में दो हफ्ते से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. गेजी पार्क में एक मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना के विरोध से शुरू हुआ आंदोलन इस बीच राजनीतिक हो गया है. युवा और धर्मनिरपेक्ष प्रदर्शनकारियो के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के कारण आंदोलन दूसरे शहरों में भी फैल गया है और एर्दोआन की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है.
एमजे/एनआर (एएफपी, डीपीए)