ठंड से लगी तेल कीमतों में आग
२७ जनवरी २०१४आंकड़ों के मुताबिक पिछले साढ़े तीन साल के मुकाबले दामों में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. प्राकृतिक गैस की कीमत दो हफ्ते में 29 प्रतिशत बढ़ गई है और पिछले साल इस वक्त के मुकाबले तो 50 फीसदी ज्यादा हो गई है. मांग तेजी से बढ़ रही है लेकिन सर्दी इतनी ज्यादा है कि तेल उत्पादन करने वाले कतरा रहे हैं. वे पर्याप्त तेल का खनन नहीं कर रहे हैं.
कुल मिला कर स्टोरेज से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जा रही है. ऊर्जा विभाग का कहना है कि साल भर में सप्लाई करीब 20 फीसदी घट गई है. अमेरिका के ऊर्जा विश्लेषक स्टीफेन श्रॉक का कहना है, "हमारे सामने रिकॉर्ड मांग है. स्टोरेज से रिकॉर्ड सप्लाई हो रही है और उत्पादन पर खतरा नजर आ रहा है."
कड़ाके की ठंड
अमेरिका के कुछ हिस्सों में जनवरी के पहले हफ्ते के दौरान तापमान -38 डिग्री तक गिर गया था. घरों को गर्म रखने के लिए हीटिंग में जम कर गैस जलाई गई. इसकी वजह से लोगों के बिलों में भी खासा इजाफा होने का अनुमान है. इसके बाद गैस की दरें भी बढ़ाई जा सकती हैं.
कीमतों में इजाफे को समझने के लिए सिर्फ तापमान पर नजर रखना ही काफी है. अमेरिका जनवरी में दूसरी बार ठंड की चपेट में जा रहा है. इसमें उत्तर पश्चिम का भारी आबादी वाला इलाका भी शामिल है. मौसम विज्ञानियों का पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर शीतलहर चलेगी और टेक्सास तक का इलाका इससे प्रभावित होगा. हीटिंग के लिए अमेरिका की करीब आधी आबादी प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करती है. दूसरा सबसे अहम स्रोत बिजली है. और बिजली पैदा करने वाले संयंत्र भी कोयला, पानी या प्राकृतिक गैस से ही चलते हैं. यानी हर हाल में गैस की खपत बढ़ती है.
मांग और आपूर्ति
ग्राहकों के लिए बिजली की खपत का अनुमान लगाने वाली कंपनी कमोडिटी वेदर ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी के आखिर और फरवरी के शुरू में भी सर्द मौसम हो सकता है. अमेरिका में गैस सप्लाई का तंत्र ऐसा बना हुआ है कि अचानक मांग बढ़ने के बाद फौरन सप्लाई नहीं हो सकती. इसकी वजह से कीमत बेतहाशा बढ़ सकती है.
विश्लेषकों का कहना है कि भंडार में पर्याप्त गैस है और उत्पादक इसकी मदद से सप्लाई पूरी कर सकते हैं और गैस की बढ़ी हुई कीमतें भी हासिल कर सकते हैं. संभावना है कि फरवरी जाते जाते सर्दी कम होने लगेगी. लेकिन अगर यह अप्रैल में शुरू होने वाले बेसबॉल सीजन तक चली, तो अमेरिका को तेल की जबरदस्त ऊंची कीमतों का सामना करना पड़ेगा.
एजेए/एएम (एपी)