जास्टिस सौमित्र सेन पर महाभियोग की रिपोर्ट आज संसद में
९ नवम्बर २०१०लोकसभा के महासचिव टी के विश्वनाथन आज सदन के पटल पर कमेटी की रिपोर्ट और गवाहों से मिले सबूतों की कॉपी रखेंगे. संसद की तरफ से 1968 के जज एक्ट के तहत इस कमेटी का गठन किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के जज बी सुदेशन रेड्डी इस कमेटी के अध्यक्ष हैं. कमेटी ने राज्यसभा के अध्यक्ष हामिद अंसारी को ये रिपोर्ट 10 सितंबर को ही पेश कर दी थी.
जस्टिस सेन का नाम तब सुर्खियों में आया जब कोर्ट के रिसीवर के रूप में उनकी भूमिका सवालों के घेरे में आ गई. जस्टिस सेन ने करीब 33 लाख रूपये की रकम अपने पास रख ली व हाईकोर्ट को गलत जानकारी देकर उसे भटकाने की कोशिश की. उनके खिलाफ जांच कमेटी का गठन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पिछले साल मार्च में किया. राज्यसभा में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और 56 दूसरे सांसदों ने जास्टिस सेन के बारे में शिकायत की थी.
भारत के इतिहास में ये दूसरी बार हो रहा है जब संसद किसी जज को हटाने की प्रक्रिया से गुजर रही है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज वी रामास्वामी के खिलाफ इस तरह की प्रक्रिया चलाई गई थी. 57 सांसदों के लाए प्रस्ताव को राज्य सभा ने 20 फरवरी पास कर दिया. इस प्रस्ताव में जस्टिस सेन पर आरोप लगाया गया," हाईकोर्ट से रिसीवर के रुप में नियुक्त जस्टिस सेन ने बड़ी मात्रा में पैसों का हेरफेर किया और कोर्ट को इस हेर फेर के बारे में गलत जानकारी दी."
जांच कमेटी के दूसरे सदस्यों में पंजाब और हारियाणा हाईकोर्ट के चीफ जास्टिस मुकुल मुदगल, और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन शामिल हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य