जाने किस मोड़ पर मौत खड़ी हो
१५ जनवरी २०१२पाकिस्तान के रास्ते जाने वाले तेल के टैंकरों को भी चरमपंथियों का निशाना बनना पड़ता है. पिछले साल 200 ऐसे टैंकरों को हमला करके नष्ट कर दिया गया. इस दौरान 100 दूसरी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया. हाल में अफगानिस्तान में तैनात नाटो की सेना ने पाकिस्तानी सीमा में घुस कर 24 सैनिकों को मार डाला है, जिसके बाद से पाकिस्तान सरकार ने नाटो कारवां के लिए अपने रास्ते बंद कर दिए हैं.
खतरनाक पर और कोई रास्ता नहीं
18 साल के ड्राइवर नियामत खान का कहना है कि नाटो के ट्रक को पाकिस्तान से अफगानिस्तान ले जाने के अलावा उनके पास कमाई का कोई और जरिया नहीं है. उनका कहना है कि पूरा परिवार इस पर निर्भर है और उनके सामने कई तरह की परेशानी है. खान कहते हैं, "परिवार के लोग बीमार हैं और उनके इलाज के लिए पैसा चाहिए. मैं यहां संगीत सुन रहा हूं और परेशानी भुलाने की कोशिश कर रहा हूं." इन ड्राइवरों के रास्ते में उनके मनोरंजन के लिए जगह जगह पर संगीत का भी इंतजाम होता है.
कराची से अफगानिस्तान के बगराम हवाई बेस तक एक ट्रक पहुंचाने के बदले में ड्राइवर को 1000 डॉलर यानी लगभग 50,000 रुपये मिल जाते हैं. लेकिन इस काम में महीने भर का समय लग जाता है और जान की कोई गारंटी नहीं होती. 20 साल के नुर्शीद खान कहते हैं, "पूरे रास्ते जिंदगी खतरे में रहती है. हाल ही में मुझ पर हमला हुआ, जिसमें मेरे पास बैठा मेरा हेल्पर मारा गया. मैंने कई बार लोगों को इस तरह मरते देखा है. एक बार मेरे पास ही तेल टैंकर पर हमला हुआ था."
22 साल के कुदरतुल्लाह ने अपना नजरिया बदल दिया है. उनका कहना है कि सड़कों पर जोखिम है लेकिन फिर भी वह उत्साह से काम करते हैं. उनका कहना है कि उनके भी हेल्पर को मार दिया गया लेकिन उनका यही पेशा है और उन्हें काम तो करना ही है. कुछ ड्राइवर तालिबान को सही मानते हैं और सोचते हैं कि नाटो फौज के लिए काम करना धोखा है लेकिन फिर भी पापी पेट का सवाल है.
कबीलाई इलाकों के मानवाधिकार कार्यकर्ता शब्बीर अहमद कहते हैं कि अफगानिस्तान तक माल ढोने का काम बेशक खतरनाक है लेकिन सड़क किनारे कारोबार कर रहे लोगों के लिए कमाई का जरिया भी बस यही है. उनका कहना है कि अगर रसद ले जाने वाले ड्राइवर अपना काम छोड़ देंगे तो उनके पास खाने पीने का संकट खड़ा हो जाएगा और हो सकता है कि वे भी गैरकानूनी काम में लग जाएं.
पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ तनावपूर्ण हुए रिश्तों की वजह से नाटो के लिए अपने रास्ते बंद कर दिए हैं. लेकिन ड्राइवर चाहते हैं कि ये रास्ते खुल जाएं, ताकि उन्हें भी रोटी मिल सके.
रिपोर्टः एएफपी/जितेन्द्र व्यास
संपादनः ए जमाल