जहरीले अंडेः कड़े कानून बनाने की मांग
५ जनवरी २०११जानवरों को खाने के लिए दी जाने वाली चर्बी में कैंसर की वजह बनने वाले डायोक्सीन की अत्यधिक मात्रा पाए जाने के मुद्दे पर जर्मनी के सभी राज्यों के कृषि मंत्री ग्रीन वीक के दौरान बहस करेंगे. बुधवार को इस बारे में थ्युरिंजिया के कृषि मंत्री युर्गन राइनहोल्ज ने नॉयन ओस्नाब्र्युकर त्साइटुंग को बताया. "यह बहुत जरुरी है कि खाद्य पदार्थों और जानवरों के खाने के बारे में बने नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा होनी चाहिए और उन पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए. तभी इस तरह के काम करने वाले लोगों को काबू में किया जा सकता है."
वहीं पासाउर नॉयन प्रेसे अखबार के हेल्मुट बॉर्न का कहना है, "जो कंपनी औद्योगिक कामों के लिए चर्बी बनाने का काम करती है उसे जानवरों के खाने और बाकी खाद्य पदार्थ नहीं बनाने दिए जाने चाहिए."
श्लेस्विग होलस्टाइन राज्य के एम्डन शहर में एक कारखाने से डायोक्सीन की मात्रा जानवरों के खाने में आई और फिर यह पदार्थ कई फार्म हाउसों को बेचा गया. डायोक्सीन शरीर में जाने से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. अधिकारी इस घोटाले का कारण ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.
उधर मंगलवार देर शाम जर्मनी के सबसे घनी आबादी वाले नॉर्थ राइन वेस्टफालिया राज्य में और 139 फार्म हाउसों को बंद कर दिया गया है. यूरोपीय संघ ने घपले की सफाई मांगी है. जर्मनी की उपभोक्ता मंत्री इल्जे आइंगर की मांग है कि डायोक्सीन वाले अंडों के बारे में उपभोक्ताओं को जानकारी दी जानी चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि उनके घर में डायोक्सीन वाले अंडे तो नहीं हैं.
लोग भी मांग कर रहे हैं कि अंडों के नंबर जारी किए जाएं ताकि वह अपने घर में देख सकें कि उनके घर में उसी सीरीज के अंडे तो नहीं हैं.
नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया में उपभोक्ता मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वह बायो उत्पाद वाले अंडे खरीदें. लोअर सेक्सनी राज्य ने अपनी जांच में पाया कि जानवरों के खाने में डायोक्सीन की मात्रा बहुत ज्यादा है. एक नमूने में प्रति किलो 123 नैनो ग्राम मात्रा मिली जो कि बहुत ही ज्यादा है.
नवंबर-दिसंबर 2010 में उत्तरी जर्मनी की एक कंपनी ने कुल 2700 टन चर्बी 25 कंपनियों को बेची और इसमें डायोक्सीन की मात्रा बहुत ज्यादा थी. यह कंपनियां लोअर सेक्सनी, नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया, हैम्बर्ग और सेक्सनी अनहाल्ट में हैं. बताया जा रहा है कि उद्योगों में काम आने वाली चर्बी जानवरों के खाने में मिली. अब यह गलती से हुआ या नहीं, इस बारे में जांच चल रही है.
यह औद्योगिक चर्बी बायोडीजल के उत्पादन के दौरान बनी जिसे नीदरलैंड्स की कंपनी ओलेफेट को बेचा गया और वहां से यह जर्मनी आया. ओलेफेट का दावा है कि उसने इसे औद्योगिक चर्बी के तौर पर ही बेचा. इसकी पुष्टि नीदरलैंड्स के अधिकारियों ने भी की है. इस चर्बी को जानवरों के खाने में जर्मनी में ही मिलाया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार