कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के विरोध के स्वर
३० जनवरी २०१५नटराजन ने बताया कि जब वे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री थीं, तब राहुल गांधी ने कई प्रोजेक्ट्स के सिलसिले में उन्हें "खास अनुरोध" भेजे थे. दक्षिण भारतीय शहर चेन्नई में एक प्रेस कांफ्रेंस बुला कर नटराजन ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस पार्टी के ही एक धड़े ने उन्हें मीडिया में "गलत बातों पर बदनाम" किया. नटराजन ने पत्र में लिखा, "मुझे श्री राहुल गांधी और उनके कार्यालय से खास दरख्वास्त भेजी जाती थीं, जिनमें कुछ प्रोजेक्ट्स से जुड़ी महत्वपूर्ण पर्यावरण संबंधी चिंताओं का जिक्र होता था. मैंने उन अनुरोधों का मान रखा."
नटराजन ने कहा कि ऐसा करने पर उन्हें ही निशान बनाया गया. लोकसभा चुनावों के दौरान जब राहुल गांधी ने "पर्यावरण समर्थक" से "कॉर्पोरेट जगत के मित्र" होने की भूमिका अपना ली, उसके बाद पार्टी के ही कुछ लोगों ने नटराजन के खिलाफ "निन्दनीय, गलत और अभिप्रेरित" मीडिया अभियान चलाए. नटराजन के पत्र को एक अखबार ने प्रकाशित किया है. इसमें लिखा है कि तब मंत्री पद पर विद्यमान नटराजन को 100 दिनों के अंदर अंदर पद छोड़ने को कहा गया था. इन्हीं 100 दिनों के बाद देश में 2014 के लोकसभा चुनाव होने थे.
कांग्रेस की ओर से चार बार सांसद रह चुकी नटराजन का इस्तीफा कांग्रेस की पहले से ही बुरी हालत पर एक और चोट है. बीजेपी नेताओं ने इस मौके पर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासन के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
हाल के दिनों में दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु से ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाली नटराजन दूसरी वरिष्ठ नेता हैं. उनसे पहले पार्टी त्यागने वाले नेता जीके वासन अपना नया दल भी बना चुके हैं. कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई में फैले आंतरिक कलह के साक्ष्य बाहर आ रहे हैं. हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने भी पार्टी द्वारा मिले "कारण बताओ नोटिस" का जवाब देने से इंकार कर दिया था. राज्य यूनिट ने उनके कथित रूप से पार्टी विरोधी बयानों पर सफाई मांगी थी.
आरआर/आईबी (पीटीआई)