छोड़ दें, वरना मार देगी सिगरेट
२८ अक्टूबर २०१२लांसेट में छपे इस शोध के लिए ब्रिटेन की करीब 12 लाख महिलाओं से जानकारी जुटाई गई. इस जानकारी के आधार पर रिसर्चरों का दावा है कि महिलाएं और पुरुष अगर बीच जवानी में धूम्रपान छोड़ दें तो तंबाकू से होने वाली मौत टाली जा सकती है. उम्र औसतन 11 साल बढ़ाई जा सकती है. रिसर्चरों के मुताबिक शोध के नतीजे पुरुषों पर भी लागू होते हैं.
शोध के सह लेखक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिचर्ड पेटो कहते हैं, "चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं, जो स्मोकर बीच जिंदगी में धूम्रपान छोड़ देता है, वह जिंदगी के 10 अतिरिक्त साल जुटा लेता है." रिसर्च के दौरान पता चला कि जो महिलाएं उम्र के 40वें पड़ाव पर पहुंचने से पहले सिगरेट पीना छोड़े देती हैं, वे जिंदगी भर धूम्रपान करने वाली महिलाओं की तुलना में नौ साल ज्यादा जिंदा रहती हैं. अगर कोई महिला 30 साल से पहले ही सिगरेट छोड़ दे तो वह और ज्यादा जी सकती है.
साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि शोध को आधार बनाकर यह न समझें कि 40 साल तक धूम्रपान किया जा सकता है. रिसर्चरों ने कहा है, "कम टार (चारकोल) वाली सिरगेट से जोखिम कम नहीं होता, जो लोग ऐसी सिगरेट पीते हैं उनमें से आधे से ज्यादा इसकी वजह से मारे जाते हैं. धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में एक दिन में 10 से भी कम सिगरेट पीने वाली दोगुनी महिलाएं जल्दी मरती हैं." ज्यादातर धूम्रपान करने वाले फेफड़ों की बीमारी, लंग कैंसर, स्ट्रोक और दिल की बीमारी से मरते हैं.
1996 से 2001 के बीच जुटाए गए आकड़ों की समीक्षा कर पता चला कि सिगरेट न पीने वाली महिलाओं की तुलना में धू्म्रपान करने वाली तीन गुनी महिलाओं की मौत जल्दी हुई. शोध में भाग लेने वाली महिलाओं में सिगरेट पीने वाली, न पीने वाली और छोड़ चुकी महिलाओं ने हिस्सा लिया. शोध के लिए हस्ताक्षर करते वक्त महिलाओं की औसत उम्र 55 साल थी. 20 फीसदी स्मोकर थीं, 28 फीसदी सिगरेट छोड़ चुकी थीं और 52 फीसदी ने कभी धूम्रपान नहीं किया. सिगरेट पी रही और पी चुकी महिलाओं ने अपनी आदतों के बारे में भी जानकारी दी. अपनी मेडिकल रिपोर्टें भी दीं.
यूरोप और अमेरिका में 1960 के दशक में महिलाओं का सिगरेट पीना फैशन सा बन गया. लांसेट के इस शोध को धूम्रपान पर अब तक की गई सबसे गंभीर और विस्तृत रिसर्च कहा जा रहा है.
ओएसजे/एनआर (एएफपी)