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गुआंतानामो में यातना, ऑस्ट्रेलिया सरकार पर मुक़दमा

२५ फ़रवरी २०१०

अमेरिका के आतंकवाद विरोधी बंदी गृह गुआंतानामो बे पर क़ैद रहा भूतपूर्व ऑस्ट्रेलियाई बंदी उसे मिली यातना के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार पर मुक़दमा कर सकता है.

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तस्वीर: dpa

मिस्र में पैदा हुए ममदूह हबीब ने गुआंतानामो बे पर अपने साथ हुई पूछताछ में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की साठगांठ के ख़िलाफ़ सरकार पर मुक़दमा चलाने का अधिकार जीता है. उसका आरोप है कि पूछताछ के दौरान उसे यातना दी गई, पीटा गया और फ़र्श के साथ बेड़ियों से बांध कर रखा गया.

ममदूह हबीब का कहना है कि गुआंतानामो बे पर उसके साथ हुई पूछताछ में कम से कम 12 मौकों पर ऑस्ट्रेलिया के ख़ुफ़िया एजेंट, राजनयिक और पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

ममदूह हबीब को 11 सितम्बर 2001 को अमेरिका पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में गिरफ़्तार किया गया था और जनवरी 2005 में क्यूबा पर स्थित गुआंतानामो बे के बंदीगृह से रिहा किया गया था. उससे इसी दौरान पूछताछ की गई.

हबीब का कहना है कि गिरफ़्तारी के बाद पाकिस्तान, मिस्र, अफ़ग़ानिस्तान और गुआंतानामो बे की हिरासतों में रहने के दौरान उसे इलेक्ट्रिक शॉक दिये गये, जलाया गया, सोने नहीं दिया गया और ड्रग इंजेक्शन दिए गए. वह ऑस्ट्रेलिया की सरकार से हर्ज़ाने की मांग कर रहा है.

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने ममदूह हबीब के ख़िलाफ़ संघीय अदालत में मुक़दमा दायर किया था कि विदेशी अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाईयों की सुनवाई ऑस्ट्रेलिया का कोई जज नहीं कर सकता.

लेकिन तीन जजों के पैनल ने सरकार की दलील को ठुकरा दिया है और हबीब के लिए सरकार के ख़िलाफ़ हर्ज़ाने का मुक़दमा दायर करने का रास्ता साफ़ कर दिया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: राम यादव