'खिलाड़ी सोचें कॉमनवेल्थ खेलों में जाएं या नहीं'
२३ सितम्बर २०१०न्यूजीलैंड ने भी कॉमनवेल्थ खेलों में देर से आने की घोषणा कर दी है क्योंकि आयोजक खिलाड़ियों के ठहरने के लिए जगहें उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रहे हैं. स्कॉटलैंड और कनाडा पहले ही कह चुके हैं कि वे देर से अपने खिलाड़ियों को दिल्ली भेजेंगे तो वेल्स ने गारंटी मांगी है कि स्टेडियम और खिलाड़ियों के ठहरने की जगह सुरक्षित होगी.
उधर ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने पत्रकारों से कहा कि एथलीट खुद सोचें कि वो खलों में हिस्सा लेना चाहते हैं या नहीं. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई पर्यटकों के लिए चेतावनी जारी करने वाली सरकारी वेबसाइट की सूचना की ओर उन्होंने एक बार और इशारा किया. सरकार की इस वेबसाइट पर कहा गया है कि भारत में आतंकी हमले का बहुत खतरा है. साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा हालात पर नजर रखने के लिए भारत भेजे गए अधिकारियों की संख्या वे बढा़एंगी. ये पूछने पर कि क्या ये अधिकारी खुफिया विभाग के हैं या सुरक्षा अधिकारी हैं, गिलार्ड ने कोई जानकारी नहीं दी. गिलार्ड ने कहा, "कॉमनवेल्थ खेलों में सुरक्षा स्थिति को लेकर सभी में चिंता है. खेल में हिस्सा लेना या नहीं लेना ये प्रत्येक खिलाड़ी खुद सोचे."
गुरुवार को न्यूजीलैंड की ओलंपिक समिति ने घोषणा की कि शनिवार को आने वाली टीमें देर से आएंगी. एनजेडओसी के अध्यक्ष माइक स्टेनले और महासचिव बैरी मैस्टर ने कहा, "ये बहुत हताशा की बात है. बाकी बचे कामों की लंबी सूची देखने के बाद समझ में आया कि खेल गांव में न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के रहने की जगहें पूरी तरह से बनी नहीं हैं."
गुरुवार को कॉमनवेल्थ खेलों के अध्यक्ष माइकल फनेल भारत आने वाले हैं और वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मीटिंग करेंगे. फनेल ने कहा कि दो हफ्ते चलने वाले ये खेल बहुत बुरे हालात में हैं.
भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और सुरक्षा चिंताओं से जूझ रहे कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजकों को अब चिंता है कि कहीं खेल में हिस्सा लेने वाले बड़े देश बाहर न हो जाएं.
कनाडा ने भी फैसला किया है कि वह आने वाले दो दिन में तय करेगा कि उसके खिलाड़ी कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेने भारत जाएंगे या नहीं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ईशा भाटिया