1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्या हर अंडे से चूजा निकलता है

१ जुलाई २०१३

पिछले सप्ताह प्रश्नोलॉजी में हमने आपसे पूछा था कि क्या मुर्गी के हर अंडे से चूजा निकल सकता है. इस पर पाठकों से आए कुछ दिलचस्प जवाब आपसे शेयर करे..

https://p.dw.com/p/18zco
LU, In den Villen 1, Huehnerhof Kraut, Huehner, Eier, Eierproduktion, Voegel, Huehner, Eier, Eierproduktion, Voegel, Dioxin, Futtermittel, Futter, Essen, Nahrungsmittel, Produktion, dpa 22243009
तस्वीर: picture alliance/Augenklick/Kunz

मुर्गी के हर अंडे से चूजा नहीं निकल सकता है - किराने की दुकानों के लिए उत्पादित अधिकांश अंडे निषेचन (फर्टिलाइजेशन) की कोई संभावना नहीं है, ये पिंजरे में बड़ा किया जाता है जहां मुर्गे से संपर्क नही होता है. वो मुर्गी जो खुले में बड़ी की जाती हैं, यहां वे आम तौर से मुर्गे से दूर रखा जाता है. दुर्लभ स्थिति में, जहां मुर्गियों को खुले में बड़ा किया जाता है जैसे कि एक छोटे से फार्म में (जहां एक मुर्गा एक मुर्गी के साथ संपर्क में आ सकता है), और वास्तव में एक निषेचित अंडा दुकान में पहुंच भी जाता है, यहां भी चूजे के निकलने की संभावना नहीं है क्योंकि इसे कम तापमान पर रखा गया होगा और पर्याप्त गर्म नहीं किया गया होगा. चूजे के बनने के लिए कम से कम 21 दिन तक 37.2 और 38.8 डिग्री सेल्सियस का तापमान चाहिए, जो की पालन नहीं किया जाता है.

अभय कुमार, जूनागढ़ गुजरात

~~~

हर अंडे में से चूजा निकले ये संभव ही नहीं है. एक अंडे से चूजा निकले की संभावना 50% से 75% तक ही होती है. निषेचित अण्डों में से चूजे निकलना कई कारणों पर निर्भर करता है. उनमें से प्रमुख है समान परिधिय तापमान, अनुवांशिकता, आद्रता, वायु का अंडे के बाहरी वातवरण में परिचलन.

डॉ.दिनेश पाहवा, हिसार, हरियाणा

~~~

ARCHIV - Freilaufende Hühner untersuchen pickend den Boden in Leuchtenburg (Kreis Osterholz) bei Bremen um Eier herum, die vom Fotografen zur Illustration in die Freivoliere gelegt wurden (Archivfoto vom 17.01.2005). ier könnten bald teurer werden. Weil mehrere Handelsketten Käfigeier aus dem Programm nehmen wollen, drohen den Verbrauchern nach Einschätzung der Geflügelwirtschaft höhere Preise. Foto: Ingo Wagner dpa (zu dpa 0540 vom 15.07.2008) +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जो अंडे कृत्रिम तरीके से तैयार किये जाते है या फिर उत्पादित किये जाते है उन अंडों में चूजा निकलने या प्रजनन की क्षमता नहीं होती है और जो अंडे प्राकृतिक तरीके से उत्पन्न होते हैं उसमें भी यह क्षमता नहीं होती की वो चूजा निकाल सके जिस प्रकार मनुष्य जीवन में प्रजनन की जो प्रक्रिया होती है उसी प्रकार मुर्गा और मुर्गी के क्रॉस हुए बिना यह प्रक्रिया संभव नहीं है और यह सब तापमान पर भी निर्भर करता है. मार्केट से लिए जाने वाले हर अंडे से चूजा निकले ये जरुरी नहीं, क्योंकि पोल्ट्री फॉर्म्स में मुर्गे और मुर्गी के फलन की कोई सम्भावना नहीं होती. मुर्गियां अनिषेचित अंडे देती हैं जो हम दुकानों से अपने खाने के लिए लाते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो मुर्गी का अंडा यदि निषेचित हो तो उसे मुर्गी की गर्मी की जरुरत होती है, जिसके बिना यह संभव नहीं है, पोल्ट्रीस में अंडे या तो कम तापमान पर रखे जाते हैं या फिर उन्हें ज्यादा तापमान पर निष्फल कर दिया जाता है. मुर्गियों को तो अंडे देने के लिए विवश किया जाता है यह इस इंडस्ट्री का सबसे बडा दुष्प्रभाव है. कडवा है पर सच है.

मनोज कामत, जिला पुणे, महाराष्ट्र

~~~

मुर्गी के अंडे का तो कह नहीं सकते पर हां मास्टर जी जो अंडा देते थे, उसका फल (परिणाम) जरूर निकलता था. अच्छा या बुरा! वैसे मुर्गी के अंडे में जब तक अंडाणु के शुक्राणुओं से मिलन नहीं होता चूजे का निकलना संभव नहीं. निषेचित अंडे को उचित तापमान पर मुर्गी को सेहना भी पड़ता है.

माधव शर्मा, एसएनके स्कूल, राजकोट, गुजरात

~~~

मुर्गी के हर अंडे से चूजा "नहीं" निकल सकता इसका कारणः मुर्गी ने अंडा देना है, लेकिन कुदरत का ये निजाम है कि मुर्गी और मुर्गे के मिलाप के बिना मुर्गी जो भी अंडा देगी, वह अंडा खाया तो जा सकता है, लेकिन उस अंडे से चूजा नहीं निकल सकता, भले कुछ भी कर लिया जाए.
आजम अली सूमरो, खैरपुर मीर सिंध, पाकिस्तान

~~~

हर अंडे से चूजा नहीं निकल सकता क्योंकि बाजार में जो अंडे मिलते हैं वो मुर्गा व मुर्गे के संभोग से नहीं वरन् मुर्गियों को अंडे देने पर विवश किया जाता है वो अंडे अनिषेचित होते है.

Bioeier auf dem Bauernmarkt (Fotolia: #32109324); © Fotolia/Stefan Merkle
तस्वीर: Fotolia/Stefan Merkle

हरजीत सिंह, जिला हाथरस, उत्तर प्रदेश

~~~

मुर्गी के हर अंडे से चूजा निकले यह कोई जरुरी नहीं है, क्योंकि मुर्गी अंडा देने के बाद उसको अपनी गर्मी से उसे पकाती है. जिस अंडे को पूरी गर्मी नहीं मिलती वो कच्चा रह जाता है और उसमें से बच्चा नहीं बन पाता. अंडे में से बचा निकलना तभी संभव है जब मुर्गा और मुर्गी का मेल हो.

प्रदीप पुनिया, ग्राम बरोली, जिला जींद, हरियाणा

~~~

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे