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इतिहास

गांधी और आइनस्टाइन की चिट्ठियां

ओंकार सिंह जनौटी
४ जनवरी २०१९

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइनस्टाइन, महात्मा गांधी के मुरीद थे. वह गांधी से मिलना भी चाहते थे. इसका पता दोनों के बीच हुए पत्राचार से चलता है. गांधी सर्व फाउंडेशन में दोनों के एक दूसरे को लिखे गए खत हैं.

https://p.dw.com/p/3B2m0
Kunstwerke von Kuenstlicher Intelligenz | DeepArt Einstein
तस्वीर: DeepArt

आइनश्टाइन का पत्र

1931

आदरणीय मिस्टर गांधी

हमारे घर में आपके मित्र की उपस्थिति का फायदा उठाते हुए मैं आपको ये पंक्तियां भेज रहा हूं. आपने अपने कार्यों से दिखा दिया है कि बिना हिंसा के सफल होना संभव है, वो भी उन लोगों के साथ जो हिंसक तरीके से अलग नहीं हुए हैं. हम उम्मीद कर सकते हैं कि आपका उदाहरण आपके देश की सीमाओं के बाहर फैलेगा, और ऐसी अंतरराष्ट्रीय अथॉरिटी स्थापित करने में मदद करेगा, जिसका सम्मान सब करें, जो फैसले करे और युद्ध वाले विवादों को खत्म करे.

हार्दिक स्नेह के साथ,

आपका

(हस्ताक्षर, ए आइनस्टाइन)

मुझे उम्मीद है कि किसी दिन में आपसे फेस टू फेस मिल सकूंगा.

Brief von Albert Einstein in Jerusalem versteigert
पत्र लिखने में माहिर थे आइनस्टाइन और गांधीतस्वीर: Reuters/R. Zvulun

गांधी का जवाब

लंदन

अक्टूबर 18, 1931

प्यारे मित्र,

सुंदरम के जरिए भेजे गए आपके सुंदर पत्र को पाकर मैं आनंदित हूं. मेरे लिए यह महान सांत्वना की बात है कि जिस काम को मैं कर रहा हूं वह आपकी नजरों को पसंद आ रहा है. मैं भी वाकई में कामना करता हूं कि हम आमने सामने मिल सकें, वह भी भारत में, मेरे आश्रम में.

आपका निष्ठावान,

(हस्ताक्षर, ए के गांधी)

(गांधी से प्रेरित और बुलंदियों तक पहुंचने वाली हस्तियां)