क्या अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार चुके हैं ट्रंप
१९ मई २०१७एलन लिष्टमैन ने 1984 से लेकर अब तक हर बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की सटीक भविष्यवाणी की है. 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से काफी पहले लिष्टमैन कह चुके थे कि डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि ट्रंप अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे. उन पर महाभियोग चलेगा और उन्हें पद गंवाना पड़ेगा. जब ट्रंप जीत गए तो प्रोफेसर लिष्टमैन का जिक्र हुआ. लेकिन फिर भी यह किसी ने नहीं माना कि ट्रंप पर महाभियोग की बात सच होगी.
लेकिन अब धीरे धीरे तस्वीर बदल रही है. ट्रंप धीरे धीरे उलझते दिख रहे हैं. तमाम चेतावनियों के बावजूद ट्रंप ने माइकल फ्लिन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया, लेकिन कुछ ही महीने के भीतर फ्लिन की छुट्टी करनी पड़ी. रूस के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले फ्लिन ने ट्रंप के चुनाव अभियान में अहम भूमिका निभाई थी. अब यह बात भी सामने आ चुकी हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने फ्लिन के खिलाफ एफबीआई की जांच बंद कराने की कोशिश भी की. अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि ट्रंप ने रूसी विदेश मंत्री और राजदूत को बेहद गोपनीय खुफिया सूचना दी. पहले ट्रंप प्रशासन ने इससे इनकार किया, लेकिन आखिर में यह बात कबूल कर ली. ये बातें बाहर आने के बाद ट्रंप ने एफबीआई के निदेशक को पद से हटा दिया.
अब एफबीआई के एक और पूर्व निदेशक रॉबर्ट मुलर को एक गंभीर संघीय जांच का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया है. मुलर अमेरिकी चुनाव में रूसी दखल के आरोपों की जांच करेंगे. मुलर के पद पर ट्रंप का कोई प्रभाव नहीं होगा. उनकी नियुक्ति अमेरिका के डिप्टी एटॉर्नी जनरल रॉड रोजेनश्टाइन ने की है. रोजेनश्टाइन के मुताबिक, "जनहित को ध्यान में रखते हुए मेरे लिए यह जरूरी है कि जांच को ऐसे व्यक्ति के अधिकार में रखा जाए जो पद की सामान्य कड़ी से आजाद होकर अपना काम करे."
अब सवाल उठता है कि क्या रोजेनश्टाइन की नियुक्ति ट्रंप के राजनीतिक करियर में फुल स्टॉप लगाएगी. प्रोफेसर लिष्टमैन कहते हैं कि एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी की छुट्टी करके ट्रंप ने बहुत ही बड़ी गलती कर दी है. यह सीधे सीधे न्याय में बाधा डालने वाली हरकत है. कोमी को हटाते समय ट्रंप प्रशासन ने जिस तरह के बहाने बनाए वो भी बता रहे हैं कि कुछ न कुछ छुपाने की कोशिश की जा रही है. अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक से बात करते हुए लिष्टमैन ने कहा, "एक तरह से कहा जाए तो उन्होंने (ट्रंप) पहले ही न्याय का रास्ता रोक दिया है और वह इमॉल्यूमेंट प्रावधान का उल्लंघन कर चुके हैं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें उन पर अभी महाभियोग चलाना चाहिए, मैं महाभियोग की जांच के लिए कह रहा हूं."
अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में अब तक सिर्फ दो राष्ट्रपति महाभियोग के करीब पहुंचे हैं. उनमें से एक रिचर्ड निक्सन थे और दूसरे बिल क्लिंटन. निक्सन और बिल क्लिंटन पर भी न्याय को बाधित करने का आरोप लगा था. निक्सन ने वॉटरगेट कांड के बाद इस्तीफा दिया तो बिल क्लिंटन ने मोनिका लेवेंस्की कांड के लिए देश से माफी मांगी और अपना कार्यकाल पूरा किया. प्रोफेसर लिष्टमैन ट्रंप की कार्रवाई को दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों से ज्यादा गंभीर करार देते हैं, "ट्रंप जिस चीज में शामिल हो चुके हैं वह बहुत ज्यादा गंभीर है क्योंकि यह विदेशी ताकत और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है."
सफल उद्योगपति रह चुके ट्रंप अब तक कई विवादों से किसी न किसी तरह बच निकले हैं. लेकिन राजनीति का भंवर कारोबारी विवादों से अलग होता है. उनकी अपनी रिपब्लिकन पार्टी में अब धीरे धीरे ट्रंप का विरोध बढ़ता जा रहा है. विपक्षी डेमोक्रैट तो पहले से ही तैयार बैठे हैं. ट्वीटर पर बेहद सक्रिय राष्ट्रपति अब खुद जांच वाली कागजी फाइलों में समा चुके हैं. ऐसी फाइलें जिन्हें ट्वीट की तरह डिलीट नहीं किया जा सकता.
(राष्ट्रपति बनते ही क्या बोले ट्रंप)